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छह साल पुराना आदेश वापस, सरकार ने बिना तकसीम के सीएलयू पर लगाई रोक

हरियाणा सरकार ने फर्जीवाड़े की बढ़ती शिकायतों पर एक्शन लेते हुए शहरों में बिना अधिकृत बंटवारे वाली जमीन के सीएलयू पर रोक लगा दी है। हरियाणा में अब साझी जमीन का सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) नहीं होगा। सरकार ने अपने...
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हरियाणा सरकार ने फर्जीवाड़े की बढ़ती शिकायतों पर एक्शन लेते हुए शहरों में बिना अधिकृत बंटवारे वाली जमीन के सीएलयू पर रोक लगा दी है। हरियाणा में अब साझी जमीन का सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) नहीं होगा। सरकार ने अपने छह साल पुराने आदेश को वापस ले लिया गया है। सरकार के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थी कि कई आवेदकों ने जमीन के सह स्वामियों की जाली और कपटपूर्ण सहमति देकर गलत तरीके से सीएलयू करा लिया।

इसे रोकने के लिए सरकार ने पुराने आदेश को वापस लेते हुए निर्देश जारी कर दिया है कि आवेदित भूमि से संबंधित किसी भी मामले में सह-हिस्सेदारी या संयुक्त हिस्से पर सीएलयू की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीएलयू के लिए जमीन से संबंधित जमाबंदी, खसरा खतौनी सहित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। नगर एवं आयोजना विभाग के निदेशक अमित खत्री ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया। मनोहर सरकार की पहली पारी में दो फरवरी 2019 को सरकार ने उन मामलों में बिना तकसीम के सीएलयू अनुमति पर विचार करने का निर्णय लिया था। साझेदारों में जमीन का बंटवारा नहीं होने पर भी उनकी लिखित सहमति से भूमि उपयोग परिवर्तन के लिए अनुमति दी जाने लगी।

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