घघ्घर नदी से बाढ़ की रोकथाम में लगे छह हज़ार मनरेगा मजदूर
फतेहाबाद, 7 जून (हप्र) बाढ़ की रोकथाम के लिये चंडीगढ़ के पास शिवालिक की पहाड़ियों से निकलकर जिले में पहुंचने वाली बरसाती नदी घग्गर में काम चल रहा है। यह नदी जिला फतेहाबाद की लाइफ लाइन है, तथा इसके पानी...
फतेहाबाद, 7 जून (हप्र)
बाढ़ की रोकथाम के लिये चंडीगढ़ के पास शिवालिक की पहाड़ियों से निकलकर जिले में पहुंचने वाली बरसाती नदी घग्गर में काम चल रहा है। यह नदी जिला फतेहाबाद की लाइफ लाइन है, तथा इसके पानी से खेतों की प्यास बुझने के साथ साथ यह अत्यधिक दोहन से धरातल में जा रहे पानी का स्तर भी ऊंचा रखने में मदद करती है।
बाढ़ की रोकथाम जरूरी, मॉनसून में नदीं का दिखता है रौद्र रूप
लेकिन मॉनसून के दौरान कभी कभी अपना रौद्र रूप भी दिखाती रही है। घग्घर में बाढ़ आने से इलाके के 100 से अधिक छोटे बड़े गांव, ढाणियां, खेत जलमग्न हो जाते हैं। 2023 में भी फतेहाबाद के लोग घग्घर नदी से आई जलप्रलय को देख चुके हैं।
घग्घर में मॉनसून के सीजन में आने वाली बाढ़ से जिले को बचाने के लिए प्रशासन कवायद में जुट गया है। इलाके से गुजरने वाली घग्घर नदी और उसके सहायक नाले रंगोई की साफ सफाई का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही ड्रेनों की सफाई और उनके रखरखाव का काम भी शुरू हो गया है।
बाढ़ की रोकथाम में लगे 5733 मनरेगा मजदूर
पंचायती राज विभाग द्वारा जिले के 19 गांवों जहां से घग्घर और रंगोई होकर गुजरते हैं वहां मनरेगा के तहत काम शुरू करवा दिया गया है। अधिकारियों की माने तो इस काम मे मनरेगा के 5733 मजदूर लगे हुए हैं। जो घग्घर नदी सफाई, उसमें उगे झाड़ झखाड़, जलकुंभी, सरकंडों और अन्य अवरोध जो पानी के बहाव में बाधा बन सकते हैं, उन्हें हटाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार मेंटेनेंस का यह काम 15 जून तक चलेगा। घग्गर नदी में हरियाणा और पंजाब से बरसाती पानी की ड्रेन मिलती हैं। इनमें जलकुंभी और खरपतवार उग आते हैं जो बहाव को रोकते हैं और बाढ़ की स्थिति पैदा करते हैं। कमजोर किनारे भी बड़ा खतरा बनते हैं, इसलिए इस बार हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
पहले भी झेल चुके हैं बाढ़ का दंश
इससे पहले 1988, 1993, 1995, 2010 और 2023 में ये नदी बाढ़ ला चुकी है। 1993 की बाढ़ में तो पानी बठिंडा तक पहुंच गया था। किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि दो साल पहले जब घग्गर और रंगोई में बाढ़ आई थी तो हमारी फसलें पूरी तरह तबाह हो गई थीं। इस बार सरकार जो काम कर रही है, उससे हमें उम्मीद है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा। वहीं, स्थानीय निवासी महावीर सिंह, जो घग्गर नदी के पास रहते हैं उन्होंने बताया कि सरकार इस बार बहुत अच्छा काम कर रही है।

2023 में भी बाढ़ ने मचाई थी तबाही
साल 2023 में घग्गर नदी में बाढ़ ने जिले में काफी तबाही मचाई थी। जिले का हजारों एकड़ कृषि क्षेत्र डूबने के साथ साथ खेतों में बने मकानों व ट्यूबवेलों को काफी नुकसान हुआ था। साल 2023 में तो एक बार फतेहाबाद शहरी आबादी को भी खतरा पैदा हो गया था। लेकिन तब प्रशासन द्वारा शहर में बनाए अस्थाई बांधों के अलावा हिसार सिरसा हाईवे पर बने फ्लाईओवर ब्रिज ने भी बांध का काम किया था।

