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छह नयी आईएमटी का खाका बना, जमीन जुटाना सबसे बड़ी चुनौती

 हरियाणा में औद्योगिक और निवेश की नई उड़ान देने की तैयारी
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हरियाणा में उद्योग और निवेश को नयी उड़ान देने के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। प्रदेश में 6 नयी इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) बसेंगी। इनमें से 2 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के गृह जिले अंबाला में, 2 फरीदाबाद में और एक-एक जींद व रेवाड़ी में होगी। इन सभी के लिए करीब 35 हजार एकड़ जमीन खरीदी जाएगी। खास बात यह है कि इनमें जींद की प्रस्तावित आईएमटी 12 हजार एकड़ में होगी, जो प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल-रिहायशी टाउनशिप होगी।यहां किसानों के विरोध के चलते सरकार की राह आसान नहीं दिख रही। प्रदेश सरकार का दावा है कि नयी आईएमटी से न सिर्फ औद्योगिक माहौल बदलेगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन इसमें राजनीति की चमक भी साफ नजर आती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अंबाला में मंच से दो आईएमटी की घोषणा की थी। इससे उनके गृह जिले को बड़ा फायदा मिलेगा। वहीं, जींद की घोषणा को भी सियासी दृष्टि से अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह इलाका हरियाणा की राजनीति का गढ़ समझा जाता है।

पिछले अनुभवों से सीखते हुए इस बार सरकार ने जबरन जमीन अधिग्रहण से दूरी बनाई है। किसान अपनी मर्जी से जमीन बेच सकेंगे। इसके लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने ई-भूमि पोर्टल शुरू किया है। 31 अगस्त तक किसानों को आवेदन करने का मौका दिया था, ताकि किसान खुद ही अपनी जमीन की कीमकत बता सकें। लेकिन इस पर बहुत अच्छा रिस्पांस नहीं मिला है। इस नीति के तहत पेशकश करने वाले किसानों के साथ आपसी बातचीत से रेट फाइनल किए जाते हैं।

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मगर जींद में किसानों का विरोध खुलकर सामने आया है। किसान ई-भूमि पोर्टल पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उपजाऊ जमीन को बेचना उनके हित में नहीं है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर यह चर्चा भी है कि अगर सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू करती है तो किसान जमीन देने पर राजी हो सकते हैं, क्योंकि इस पॉलिसी में उन्हें कृषि भूमि के बदले विकसित प्लॉट मिल सकेंगे।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि अंदरखाने सरकार भी इन प्रोजेक्ट्स को सिरे चढ़ाने के लिए लैंड पूलिंग मॉडल पर विचार कर रही है। अभी तक ई-भूमि पोर्टल पर सरकार को खासा रिस्पांस नहीं मिला है, जिससे साफ है कि मौजूदा फार्मूले से किसानों का भरोसा जीतना मुश्किल होगा।

चुनावों में किया था वादा

उल्लेखनीय है कि 2024 विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में प्रदेश में 10 नए औद्योगिक शहर बसाने का वादा किया था। अब जो 6 आईएमटी घोषित की गई हैं, उन्हें उसी वादे को पूरा करने की शुरुआत माना जा रहा है। सरकार इसे ‘विजन 2047’ का हिस्सा बता रही है, मगर किसानों का विरोध और जमीन अधिग्रहण की जटिलता इसे चुनावी वादे से हकीकत में बदलने की सबसे बड़ी चुनौती है।

हुड्डा सरकार में रद्द हो चुकी थी अंबाला आईएमटी

अंबाला में आईएमटी की कहानी पुरानी है। 2010-11 में हुड्डा सरकार ने पंजोखरा साहिब और आसपास के गांवों में 1852 एकड़ जमीन के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन किसानों के विरोध के चलते इसे रद्द करना पड़ा था। उस समय अंबाला से सांसद कुमारी सैलजा और कैंट विधायक अनिल विज किसानों के साथ खड़े थे। किसानों का कहना था कि उपजाऊ जमीन की बजाय बंजर जमीन का इस्तेमाल होना चाहिए।

कहां-कहां बनेंगी नई आईएमटी

अंबाला में बनेंगी दो आईएमटी : अंबाला में 5000 एकड़ में 2 आईएमटी बनाई जानी हैं। पहली आईएमटी अंबाला सिटी के खैरा, नग्गल और नडियाली इलाके के पास बनेगी। 2000 एकड़ जमीन की जरूरत है। यह इलाका 152-डी एक्सप्रेस-वे के पास है। दूसरी आईएमटी नारायणगढ़ में चेची माजरा, डेरा, हमीदपुर व टोका गांवों में 3000 एकड़ में प्रस्तावित है। यह हिमाचल के कालाअंब से सटा इलाका है, जहां पहले ही बड़ी इंडस्ट्री है।

जींद में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट

जींद में बनने वाली आईएमटी लगभग 12 हजार एकड़ में होगी। यह अब तक की सबसे बड़ी टाउनशिप होगी। जींद से होकर 152-डी और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे गुजरते हैं, जिससे यह सीधा जुड़ जाएगा। अभी तक जीटी रोड बेल्ट वाले जिले ही तेजी से विकसित हुए हैं, मगर यह आईएमटी मध्य हरियाणा के विकास का नया अध्याय लिखेगी।

ब्रज बेल्ट के खाते में भी दो

ब्रज बेल्ट के फरीदाबाद व पलवल जिला में 13 हजार 500 एकड़ में 2 आईएमटी बनाने की येाजना है। पहली आईएमटी 4500 एकड़ में खेड़ी कलां, नचोली, ताजपुर और आसपास के गांवों में होगी। दूसरी आईएमटी फरीदाबाद और पलवल में 9000 एकड़ में बनेगी। यह जेवर एयरपोर्ट से जुड़ने वाले हाईवे के किनारे होगी।

रेवाड़ी आएगा बड़े मैप पर

रेवाड़ी का धारूहेड़ा पहले से ही औद्योगिक नहर बन चुका है। बावल में करीब 8 हजार एकड़ में आईएमटी बनी हुई है। अब सरकार ने कोसली, पाल्हावास और रेवाड़ी तहसील के गांवों को मिलाकर एक और आईएमटी बनाने का फैसला लिया है। यह आईएमटी अहीरवाल की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को बड़े औद्योगिक मैप पर लाने का काम करेगी।

निवेश के साथ रोजगार भी

प्रदेश में नयी इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाने का मकसद सिर्फ निवेश लाना नहीं, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर बनाना है। जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार किसानों की मर्जी का पूरा सम्मान करेगी। अगर जरूरत पड़ी तो लैंड पूलिंग जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। आने वाले वर्षों में ये आईएमटी हरियाणा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होंगी। इनसे न केवल हरियाणा का औद्योगिक नक्शा बदलेगा, बल्कि निवेश और रोजगार के बड़े अवसर आएंगे।

-राव नरबीर सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री।

 

 

 

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