हरियाणा पुलिस के K-9 योद्धाओं की ‘साइलेंट स्ट्राइक’: 62 डॉग्स, 28 FIR, भारी मात्रा में नशा बरामद
चंडीगढ़, 28 मई (ट्रिन्यू)
Haryana Police : हरियाणा पुलिस द्वारा नशा तस्करी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एक विशेष टीम हर मोर्चे पर अहम भूमिका निभा रही है और यह टीम है पुलिस के नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग्स, यानी प्रशिक्षित के9 योद्धा। इंसानी खुफिया नेटवर्क और तकनीक के साथ मिलकर ये डॉग्स जिस दक्षता से मादक पदार्थों का पता लगा रहे हैं, वह न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी है।
जहां इंसान चूके, वहां डॉग्स ने दिखाई नाक की ताकत
विशेष रूप से प्रशिक्षित इन डॉग्स ने इस वर्ष अब तक नशे के 28 मामलों में एफआईआर दर्ज कराने में मदद की है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है। नशीले पदार्थों को दीवारों, बंद वाहनों, गड्ढों और संदिग्ध पैकेट्स में छिपाकर ले जाने की तस्करों की तमाम कोशिशें, इन डॉग्स की सूंघने की असाधारण क्षमता के आगे नाकाम रहीं।
रेम्बो, माही और टॉम: के9 स्क्वॉड के हीरो
वर्ष 2025 में हिसार यूनिट के डॉग रेम्बो ने शानदार प्रदर्शन कर कई मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई है। इससे पहले वर्ष 2024 में हांसी की माही और 2023 में सोनीपत के टॉम ने महत्वपूर्ण केस सुलझाने में सहयोग दिया था।
वर्ष 2025 में हरियाणा पुलिस के डॉग स्क्वॉड ने अपने अब तक के सभी रिकॉर्ड पीछे छोड़ते हुए नशे के खिलाफ अभियान में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वर्ष की पहली तिमाही में ही नार्कों डॉग्स की सहायता से कुल 28 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इस वर्ष हिसार यूनिट में तैनात डॉग ‘रेम्बो’ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कई मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई है और पूरे राज्य में अपनी कार्यकुशलता से प्रशंसा प्राप्त की है।
पिछले वर्ष 2024 में डॉग स्क्वॉड की सहायता से 28 एफआईआर दर्ज की गई थीं। इस वर्ष हांसी जिले में तैनात डॉग ‘माही’ ने सर्वाधिक सफलता दर्ज कराई थी। वहीं, वर्ष 2023 में डॉग्स की सहायता से कुल 26 एफआईआर दर्ज की गई। इस दौरान सोनीपत में तैनात डॉग ‘टॉम’ ने उल्लेखनीय योगदान दिया था। वर्ष 2025 में अब तक दर्ज की गई एफआईआर यह दर्शाती है कि इस वर्ष डॉग स्क्वॉड का प्रदर्शन पिछले वर्षों की तुलना में अधिक प्रभावशाली और व्यापक रहा है।
हर जिले में तैनात हैं 62 ट्रेंड डॉग्स
वर्तमान में हरियाणा के सभी जिलों में कुल 62 डॉग्स तैनात हैं, जो कम से कम 6 माह की गहन ट्रेनिंग से गुजरते हैं। इनकी सूंघने की क्षमता सामान्य इंसान से हजारों गुना अधिक होती है। ये डॉग्स न केवल नशीले पदार्थ पहचानने में सक्षम हैं, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में शांत और कुशल रहते हैं।
डॉग्स सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं, मंच पर भी छाए
हरियाणा पुलिस के ये डॉग्स गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और पुलिस प्रदर्शनियों में भी अपनी अनुशासन और कुशलता का प्रदर्शन करते हैं। चार्ली नामक डॉग ने 2024 में लखनऊ में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में आठवां स्थान प्राप्त किया था, जबकि 2025 में झारखंड में चौथे स्थान पर रहा।
कड़ी देखभाल और निरंतर प्रशिक्षण
हर डॉग के लिए विशेष डाइट चार्ट, नियमित प्रैक्टिस और हर छह महीने में के-9 रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया जाता है। उनके हैंडलर्स न केवल प्रशिक्षक हैं, बल्कि उनके संरक्षक और साथी भी हैं। यह बेजोड़ टीमवर्क ही अभियानों की सफलता की असली कुंजी है।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सराहा योगदान
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा, “नारकोटिक्स डिटेक्शन डॉग्स हमारी नशा-विरोधी रणनीति का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। उनकी निष्ठा और कौशल ने कई जटिल मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है। यह सफलता तकनीक के साथ-साथ समर्पण की भी कहानी है।” हरियाणा पुलिस के ये मूक योद्धा न केवल नशे के कारोबार को रोकने में मददगार साबित हो रहे हैं, बल्कि आमजन के मन में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास और भरोसे का प्रतीक भी बन गए हैं।