श्रीमद् भगवत गीता से मिलती है मानसिक शांति : स्वामी ज्ञानानंद
फतेहाबाद (हप्र) : जीवन में भौतिक संपत्ति से ऐश्वर्य व सुख की प्राप्ति कुछ समय के लिए हो सकती है, लेकिन मानसिक शांति की प्राप्ति एकमात्र उपाय श्रीमद् भगवत गीता है। यह विचार गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने देर शाम अनाज मंडी में आयोजित दिव्य गीता सत्संग के अंतिम दिन कहे। स्वामी विज्ञान प्रेमानंद व साध्वी शांति योगानंद विशेष रूप से मौजूद रहे। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी सरंचना के बाद आज तक संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी। संपूर्ण विश्व में आज तक एक शब्द पर प्रश्न नहीं उठा। उन्होंने कहा कि नित्य नियम से गीता पाठ हमें मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की नागरिकता 175 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद जब वापस धरती पर आईं तो उनसे पूछा गया कि आपके 175 दिन कैसे रहे तो उन्होंने कहा कि उनके पास हर समय भगवत गीता थी। उन्होंने कहा गीता हमारे मनोबल को दृढ़ करती है और हमारी क्षमता को कमजोर नहीं होने देती। कार्यक्रम के संयोजक प्रवीन झंडई, प्रधान दीपक सरदाना, सचिव नरेन्द्र मोंगा ने शहरवासियों व सामाजिक संस्थाओं का सहयोग के लिए धन्यवाद किया। 4 दिन तक चले इस सत्संग में रोजाना हजारों की संख्या ने भगवत गीता का श्रवण किया।