विवेक बंसल/निस
गुरुग्राम,1 अगस्त
वार्ड-25 बादशाहपुर टिकली रोड स्थित राम तालाब के पास 46 साल पुराने 12 घरों को तोड़ने के लिए सोमवार को एकबार फिर नगर निगम की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गई। 1976 में गांव के सरपंच जयनारायण मंगला ने इन गरीबों को पंचायत की जमीन पर मकान दिए थे। ड्यूटी मजिस्ट्रेट वसीम अकरम ने बताया कि जिन घरों पर कार्यवाही की जा रही है वह निगम की जमीन में कब्जा करके बैठे हैं। यहां पर जोहड़ का नवीनीकरण किया जाना है।
पीड़ित भगतजी, भगतसिंह, राजू, मीना, सुनीता ने बताया कि हमें यहां प्लॉट उस समय के सरपंच जय नारायण मंगला ने दिए थे, जिनके पेपर भी हमारे पास हैं। हमने कोर्ट से स्टे भी ले रखी है। जिसे निगम के अधिकारी देखने को भी तैयार नही है। 1976 में ही हमे सरपंच व पटवारी ने इस जगह पर कब्जा दिया था। जिसके बाद हमने मजदूरी करके कड़ी मेहनत से यहां अपने घर बना लिए, लेकिन अब 46 साल के बाद निगम हम गरीबों के ऊपर हंटर चल रहा है। पीड़ितों ने बताया कि एक महीना पहले नगर निगम गुरुग्राम इंफोर्समेंट की टीम इन घरों को अवैध बताते हुए तोड़ने के लिए आई थी लेकिन मकान मालिकों को अपने घरों से सामान निकालने की शर्त पर कुछ दिनों की मोहलत दे कर वापस चले गए थे।
घरों से सामान निकालने का दिया समय
नगर निगम की टीम सोमवार को एक बार फिर से पुलिस फोर्स के साथ इन घरों को तोड़ने के लिए पहुंच गई। नगर निगम की टीम जब रोड के नजदीक दुकानों को तोड़ते हुए अंदर की तरफ बढ़ी तो घरों में रखे सामान की वजह से निगम की टीम ने कार्यवाही ना करके घरों से सामान निकालने का समय दे दिया। ये हालात देखकर लोग रो पड़े। कुछ देर बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट वसीम अकरम इन घरों में रहने वालों को कुछ घंटे का समय देते हुए अपनी टीम व पुलिस को लेकर वहां से लौट गए लेकिन फिर वापस नहीं आए।