विनोद जिंदल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 11 दिसंबर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अब विद्यालयों में भी विद्यार्थी गीता का अध्ययन करेंगे। अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेशभर के विद्यालयों में छात्रों से श्रीमद्भागवद्गीता के श्लोकों का उच्चारण करवाया जाएगा। इसके बाद 5वीं व छठी कक्षा में पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा शनिवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में की। इस दौरान उनके साथ लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कहा कि 2014 से पहले गीता जयंती एक सामान्य उत्सव की तरह चल रहा था, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गीता जयंती उत्सव को बड़ा स्वरूप देने का निर्णय लिया। आज देश ही नहीं विदेशों में भी गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। विश्व में बहुत से ग्रंथ ऐसे हैं, जिनमें अलग-अलग विचार दिए गए हैं, लेकिन गीता के मुकाबले कोई ग्रंथ नहीं जो जीवन को एक दिशा देता है। कुरुक्षेत्र धर्म की धरती है जो हमेशा नई प्रेरणा देती है, नया संकल्प करवाती है और जीवन की दिशा दिखाती है। आज गीता दुनिया को अध्यात्म, संस्कृति, धर्म के कारण, अपने देशों के कारण मानवता को जीने की राह दिखाती है। गीता हमें कर्म करने की प्रेरणा देती है। जीवन जीने की राह व संस्कार सिखाती है। ये विचार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व केडीबी के संयुक्त तत्वावधान में 75वें आजादी के अमृत महोत्सव में प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हम सभी को गीता से सीख लेनी चाहिए। इससे पहले ओम बिड़ला व उनकी पत्नी अमृता बिरला, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद अरविंद शर्मा, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद रतन लाल कटारिया, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, प्रसिद्ध समाजसेवी सतीश, खेल मंत्री संदीप सिंह, अजार बेजान के राजदूत अशरफ, कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा आदि मौजूद थे।
गीता सभागार का किया उद्घाटन
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार को गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता की तरफ से आयोजित युवा चेतना सम्मेलन में भी भाग लिया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, स्वामी ज्ञानानंद तथा अन्य ने जीओ गीता सभागार का उद्घाटन किया और इसके बाद जीओ गीता संग्रहालय का अवलोकन किया। इसके उपरांत गीता पूजन के साथ युवा चेतना सम्मेलन का शुभारंभ किया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि कुरुक्षेत्र पूरे विश्व को जीवन जीने का मार्गदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भागवद गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसको केवल सुनने, पढ़ने या स्मरण करने से नहीं बल्कि इस ग्रंथ के सार को जीवन में उतारने से इसका पूरा लाभ लिया जा सकता है।स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि सांसद अरविंद शर्मा के प्रयासों से गीता को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। इस मौके पर विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे।