रेवाड़ी, 12 जुलाई (हप्र)
जिला प्रशासन और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में नगर के बाल भवन ऑडिटोरियम में रेजांगला युद्ध की शौय गाथा को लेकर नाटक मंचन किया गया। जिसका शुभारंभ डीसी अशोक कुमार गर्ग व 1962 रेजांगला युद्ध के जीवित सैनिक मोहनपुर के कै. रामचन्द्र ने सयुंक्त रूप से किया। नाटक मंचन के दौरान कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से युद्ध की यादों को ताजा करते हुए दर्शकों को भावुक एवं भाव विभोर कर दिया।
डीसी गर्ग ने कहा कि देश के वीर सैनिक और जवान जब देश की सीमाओं की पहरेदारी करते हैं, तब हम अपने घरों में चैन व सुख की नींद सोते हैं। उन्होंने कहा कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांगला की लड़ाई में भारतीय जवानों ने न केवल अपने अदम्य साहस से चीनी सेना को आगे बढ़ने से रोका, बल्कि उनके लद्दाख पर कब्जा करने के मंसूबे पर भी पानी फेर दिया। रेजांगला वार में मेजर शैतान सिंह के जवान चीनी सैनिकों पर भारी पड़े थे। इस लड़ाई में मेजर शैतान सिंह को उनके शौर्य के लिए परमवीर चक्र से नवाजा गया था। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध में भारत के जवानों ने वीरता की ऐसी मिसाल पेश की थी।
नाटक में गौरव सक्सेना ने मेजर शैतान सिंह का अहम रोल अदा किया। सहायक निर्देशक कमल दीप खटक थे। कलाकार फराज सिद्दिकी, सुनील बादु, आशीष सैनी, आकाश बालियान, साहिल, सुरेश निर्वाण, अभिमन्यु व निशांत ने शानदार प्रस्तुतियां दीं।
युद्ध वीरांगनाओं को सम्मान पत्र से नवाजा
नाटक मंचन के उपरांत डीसी ने रेजांगला के योद्धा राम चन्द्र सहित युद्ध वीरांगनाओं को सम्मान पत्र से नवाजा। उन्होंने रचनाकार सत्यवीर नाहड़िया द्वारा रेजांगला की यादगार में प्रस्तुत की गई ‘दीवाली बासठ की’ सीडी का विमोचन भी किया। समिति द्वारा सभी मेहमानों को रेजांगला शौर्य गाथा नामक पुस्तक भी भेंट की गई।