शंकराचार्य ने पंचनद अखंड दिव्य ज्योति को किया प्रज्वलित
कुरुक्षेत्र, 7 नवंबर (हप्र) कुरुक्षेत्र में ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने पंचनद स्मारक समिति की दिव्य ज्योति को प्रज्वलित किया और इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। दरअसल, अखिल भारतीय पंचनद स्मारक समिति ने ज्योतिष्पीठाधीश्वर...
कुरुक्षेत्र, 7 नवंबर (हप्र)
कुरुक्षेत्र में ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने पंचनद स्मारक समिति की दिव्य ज्योति को प्रज्वलित किया और इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया। दरअसल, अखिल भारतीय पंचनद स्मारक समिति ने ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से साल 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के समय अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हिंदुओं के नाम से, उनके वंशजों को और उन्हें याद करने वालों को आशीर्वाद मिले और उनकी हर मनोकामना पूरी हो कि पंचनद अखंड दिव्य ज्योति को प्रकाशित करने के लिए निवेदन किया जिसे शंकराचार्य ने सहर्ष स्वीकार किया और शंकराचार्य के मार्गदर्शन में ईशरगढ़, कुरुक्षेत्र में ज्योतिष्पीठ के आश्रम पर ज्योति प्रज्वलन से पहले हवन का आयोजन किया गया और ब्रह्मसरोवर पर पंचनद अखंड दिव्य ज्योति को प्रज्वलित कर पंचनद स्मारक समिति के संकल्प को पूरा कर आशीर्वाद दिया। शंकराचार्य ने कहा, ये ज्योति उनकी देखरेख में तब तक रहेगी और खंडित नहीं होने दी जाएगी, जब तक पंचनद स्मारक नहीं बन जाता।
शंकराचार्य ने कहा, इस ज्योति को प्रज्वलित करने के पीछे जो भावना है, हमें उसने प्रेरित किया और आप के इस ईश्वरीय कार्य में आप की भावना के कारण हम आप के साथ आए।
हम ज्योतिष्पीठाधीश्वर हैं और हमारे मठ के नाम में ज्योति शब्द है, तो ईश्वर के कार्य में जो ज्योति प्रज्वलित की गई है, उनको खंडित भी नहीं होने देना है, और अगर कहीं किसी कारण से वह बाधित हुई हो या खंडित हो गयी है तो उसको फिर से प्रज्वलित करना हमारी जिम्मेदारी बन जाती है। शंकराचार्य जी ने कहा, यह ज्योति को अखंड जलाने की जिम्मेदारी लेते हुए, मठ की तरफ से 3 शास्त्री हर वक्त 24 घंटे ज्योति की देखरेख में रहेंगे और गाय के घी की व्यवस्था भी मठ करेगा।
इसके साथ हर समय ज्योति के समक्ष मां दुर्गा का दुर्गा सप्तशती का अखंड पाठ भी होगा।
इस मौके पर सुरेश मनचंदा और रूपा मेहता ने पंचनद समिति के अध्यक्ष डॉ. श्रीराम आहूजा के साथ मिलकर दिव्य ज्योति की स्थापना ईशरगढ़ आश्रम में करने पर शंकराचार्य का आभार प्रकट किया। रजनीश गुप्ता, महेंद्र लूथरा, कात्यायनी मंदिर के महंत बलदेव गौतम, राजेश मुदगिल, उमा मुदगिल, जितेंद्र ढींगरा, सहित हजारों लोग दिव्य ज्योति प्रज्वलन के साक्षी बने हैं।

