अम्बाला शहर, 17 जनवरी (हप्र)
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का मंच और मोर्चा दोनों ही 18 जनवरी को महिलाओं के हाथ में रहेगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। क्षेत्र की कई महिलाओं को दिल्ली मोर्चा पर आंदोलन के लिए भेजा जाएगा शेष महिलाएं जीटी रोड पर शंभू बैरियर पर आंदोलन का नेतृत्व करेंगी।
बीते 25 दिसंबर से यहां टोल फ्री धरना प्रदर्शन कर रहे आंदोलन का नेतृत्व रविवार को भी भाकियू के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ने किया। इस दौरान भारी शीत लहर के बावजूद किसानों के उत्साह में कोई कमी नहीं रही। पूरा दिन लंगर आसपास के गांवों से उपलब्ध करवाया जाता रहा। सारा दिन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके किसानों ने न केवल अपना गुस्सा निकाला बल्कि राहगीरों का ध्यान भी अपने आंदोलन की ओर खींचने का काम किया। गुलाब सिंह के अनुसार 18 जनवरी को दिल्ली का मोर्चा और मंच महिलाओं ने संभालना है, उसी के अनुरूप बड़ी मात्रा में महिलाएं दिल्ली जाएंगी तथा किसी कारण वहां न जा सकने वाली महिलाओं से शंभू बैरियर आने को कहा गया है।
धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि केंद्र द्वारा लागू किए गए तीनों नये कृषि कानून किसानों के डेथ वारंट के समान ही हैं। या तो भविष्य में किसान खेती करना छोड़ देंगे या अपनी जमीनों को बेचने पर मजबूर हो जाएंगे। भाजपा सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देने के लिए इन कानूनों को लागू करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कानूनों का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा क्योंकि कुछ लोगों के हाथ में सारी व्यवस्था आने के बाद महंगाई कई गुना बढ़ जाएगी।
गुलाब सिंह ने बताया कि आंदोलन के तय कार्यक्रम के अनुसार किसान 23 जनवरी को मोहड़ी में एकत्र होंगे और 26 को दिल्ली में होने वाली ट्रैक्टर परेड पर बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। उनकी मांग है कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते हैं वो तब तक अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
दूसरे दिन भी बंद रहे रिलायंस शोरूम
शहर स्थित रिलायंस के सभी शोरूम आज भी बंद रहे। जानकारी के अनुसार युवा किसानों ने इन्हें बंद न किए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी जिसके बाद प्रबंधन ने पुलिस से बात करके स्टोरों को बंद ही कर देने का निर्णय लिया जिसके बाद आज लगातार दूसरे दिन भी स्टोर बंद रहे।