ग्रुप-डी कर्मचारियों के वेतन विवाद का निपटारा
9 अप्रैल, 2025 को सरकार ने एक आदेश जारी कर इन कर्मचारियों को उसी जिले में उपलब्ध रिक्त पदों पर समायोजित करने या नए पदस्थापन आदेश जारी करने का निर्णय लिया। लेकिन इस दौरान राहत और ज्वाइनिंग के बीच का समय वेतन के लिए ‘गैप पीरियड’ बन गया, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
अब मानव संसाधन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राहत और समायोजन के बीच की अवधि को भी सेवा अवधि माना जाएगा और उसका वेतन संबंधित प्राप्त करने वाला विभाग देगा। इतना ही नहीं, ज्वाइनिंग की तिथि को डिविजनल कमिश्नर कार्यालय से राहत की तिथि के समान माना जाएगा, जिससे कर्मचारियों की वरिष्ठता और सेवा रिकॉर्ड पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
कर्मचारियों को बड़ी राहत
यह निर्णय हजारों ग्रुप-डी कर्मचारियों के लिए आर्थिक संबल और मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि यह आदेश न केवल उनके वेतन को सुरक्षित करेगा, बल्कि भविष्य में प्रमोशन और अन्य सेवा लाभों पर भी सकारात्मक असर डालेगा। मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को कहा है कि वे इन आदेशों का का तत्काल और सख्ती से पालन करें। इसे ‘अत्यंत आवश्यक’ श्रेणी में रखने के निर्देश भी दिए हैं।