हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 8 अप्रैल
राज्य सरकार ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134 ए को हटा दिया है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारियों को पिछले सत्र में चुने गए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिलों की लंबित शिकायतों का निपटान करना मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों द्वारा नोटिस दिए जाने पर निजी स्कूल सरकार के दिशा-निर्देशों और इस संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित एक मामले का हवाला देते हुए दाखिला करने से इनकार कर रहे हैं। एक अभिभावक अश्वनी पंवार ने बताया कि संबंधित निजी स्कूलों द्वारा उनके बच्चों का दाखिला नहीं करने पर उनके सहित 20 से अधिक अभिभावकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बताया कि अदालत ने 24 मार्च को राज्य के अधिकारियों द्वारा इस आश्वासन के बाद उनकी याचिका का निपटारा किया था कि इस मुद्दे पर कानून के अनुसार तेजी से फैसला किया जाए।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे रोहतक के खंड शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि पिछले सत्र में नियम 134 ए के तहत चुने गए सभी ईडब्ल्यूएस बच्चों को अपने आवंटित स्कूल में प्रवेश पाने का अधिकार था, मगर कई बच्चों के दाखिले नहीं हुए। उन्होंने बताया कि अभिभावकों की शिकायत पर उन्होंने ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी कर प्रवेश देने के निर्देश दिए थे। स्कूल संचालक मामला विचाराधीन होने का हवाला देकर टाल जाते हैं।