चंडीगढ़, 24 फरवरी (ट्रिन्यू)
प्रदेश में अवैध माइनिंग व ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने के लिए खान एवं भूविज्ञान विभाग ने स्पेशल इंफोर्समेंट टीम (एसईटी) का गठन किया है। इसमें विभाग के अलावा पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं। 55 अधिकारियों की एसआईटी की अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं, जिससे प्रदेश में अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सके। खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा ने बुधवार को इस बाबत अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रदेश में आमजन के लिए उचित दामों पर निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी रोक लगाना है। सरकार अवैध खनन को शून्य स्तर पर लाने के लिए काम कर रही है, जिससे सरकारी खजाने को होने वाली राजस्व की हानि को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 3 महीनों में अवैध खनन के दौरान पकड़े गए वाहनों से 90 करोड़ 60 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना प्रणाली अवैध खनन तथा ढुलाई पर अंकुश लगाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है। खनिज से भरे वाहनों का पंजीकरण आवश्यक कर दिया गया है। अब सिर्फ वाहन की लोडिंग क्षमता के हिसाब से ही खनिज लोड किया जाएगा, जिससे वाहनों की ओवरलोडिंड पर रोक लगेगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पहले बड़े-बड़े खनन ब्लॉक का ठेका दिया जाता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने तथा छोटे उद्यमियों को भी मौके देने के इरादे के साथ छोटी खनन इकाइयों या ब्लॉक्स को ठेके पर देने का निर्णय लिया। साथ ही, खनन इकाइयों को पट्टे या ठेके पर देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के मकसद से ई-नीलामी शुरू की गई है। कोरोना के बावजूद वर्ष 2020-21 के दौरान अब तक विभाग को कुल 845 करोड़ 94 लाख रुपये का राजस्व मिला है। यह तब है जब लॉकडाउन में 26 दिन तक माइनिंग बंद रही। 2019-20 के दौरान विभाग को 702 करोड़ का राजस्व मिला था।
4 जिलों की 12 खानों पर मारे छापे
मूलचंद शर्मा ने कहा कि इस अवधि में 4507 वाहनों को सीज किया। इनमें से 3351 वाहनों को छोड़ा जा चुका है। पिछले 3 महीने के दौरान विभाग की जांच टीमों द्वारा 4 जिलों में स्थित 12 खानों में छापे मारे गए। छापामारी के दौरान बड़ी खामियां पाए जाने पर एक खान का लाइसेंस सस्पेंड किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध माइनिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए फील्ड टीम को सख्त निर्देश दिए गए हैं।