घग्गर किनारे बढ़ते कैंसर मामलों पर सैलजा ने जताई गहरी चिंता, सरकार से मांगी जांच
‘वैज्ञानिक जांच से ही मिलेगा स्थायी समाधान’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों के घग्गर किनारे बसे गांवों में कैंसर के लगातार बढ़ते मामले अब बेहद गंभीर स्थिति बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि सिरसा में कैंसर रोगियों की संख्या को लेकर चंडीगढ़ पीजीआई की टीम द्वारा किया जा रहा सर्वे स्वागतयोग्य है, लेकिन यह केवल शुरुआत है। अब राज्य सरकार को इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसके कारणों की गहराई से जांच कर स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि उन्होंने यह मामला लोकसभा में भी उठाया था। सिरसा ही नहीं, बल्कि घग्गर नदी से सटे फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों के गांवों की भी वैज्ञानिक जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह केवल एक जिले का नहीं, बल्कि पूरे हरियाणा के स्वास्थ्य का संकट है।
सैलजा ने कहा कि सरकार के पास जो आंकड़े हैं, वे वास्तविक स्थिति से बहुत दूर हैं। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वह स्वतंत्र एजेंसियों और प्रमुख चिकित्सा संस्थानों—जैसे पीजीआई, एम्स और एनआईएचएफडब्ल्यू—के साथ मिलकर एक व्यापक सर्वे करवाए ताकि असली स्थिति सामने आ सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में कैंसर उपचार की स्थानीय क्षमता बढ़ाना अब अत्यंत आवश्यक है, ताकि मरीजों को इलाज के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जैसे जिलों में कैंसर जांच केंद्रों और उपचार सुविधाओं को तत्काल सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
सैलजा ने यह भी कहा कि प्रभावित गांवों में जल, मिट्टी और फसलों के नमूने लेकर वैज्ञानिक विश्लेषण कराया जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे जल प्रदूषण, कीटनाशक रसायन या औद्योगिक अपशिष्ट जिम्मेदार हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ा सवाल है। सरकार को आंकड़ों से आगे बढ़कर मानव जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सिरसा और फतेहाबाद के सिविल अस्पतालों में कैंसर रोगियों के लिए विशेष उपचार व्यवस्था की मांग उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में की थी।
सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, खासकर घग्गर किनारे बसे जिलों में। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी और उपचार सुविधाओं के अभाव में कई मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार को ‘तत्काल कार्रवाई’ का रास्ता अपनाना होगा।