सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 10 जून
नगर निगम अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद के चलते कुछ तथाकथित लोग अपने स्वार्थ के लिए शहर की हरियाली नष्ट करने में जुटे हैं। हरियाणा एनवायरन्मेंटल सोसाइटी (एचईएस) के अध्यक्ष ग्रीनमैन प्रो. एसएल सैनी ने कहा कि इनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह हरियाली उगाने में शहर के ही अन्य लोगों ने पिछले करीब 32 वर्षों से लगातार अपना समय, पसीना और पैसा खर्च किया है। हरियाली नष्ट करने के लिये नए-नए तरीके और हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, जैसे पेड़ों की जड़ों में केमिकल डालना, ट्रीमिंग के नाम पर उनको ऊपर से थोड़ा-थोड़ा कर काटते रहना, बाद में जड़ से ही उड़ा देना या रातोरात जेसीबी से पेड़ को समूल उखाड़कर उसका नामोनिशान मिटा देना।
सैनी ने बताया कि कल मॉडल टाउन एरिया में परशुराम चौक से भगत सिंह पार्क तक जाने वाली सड़क के किनारे मकान नं. 427 के बाहर करीब 25 वर्ष पुराने हरे-भरे पेड़ की छाल व एक-डेढ़ इंच की गहराई तक तने को काट दिया है। इससे उक्त पेड़ धीरे-धीरे मर जाएगा क्योंकि जमीन से पेड़ को खुराक ले जाने वाली सप्लाई लाइन छाल ही काट दी गई।
प्रो. सैनी ने बताया कि 32 वर्ष के उनके पौधरोपण के सफर में करीब 30 वर्ष नगरपालिका/नगर निगम से पौधों को कानूनी संरक्षण दिलाने हेतु जूझते गुजर गए। इस दौरान वह वर्ष 2005 से आज तक दर्जनों बार अदालतों, मुख्यमंत्रियों, गवर्नरों, मंत्रियों, राज्य तथा जिला के संबंधित अधिकारियों के दरवाजे खटखटा चुके हैं। खड़े हरे-भरे पेड़ों को संरक्षण देने हेतु उच्च न्यायालय एवं हरियाणा लोकायुक्त अदालत के दिशा-निर्देशों की भी संबंधित अधिकारियों द्वारा अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी 4 दिन पहले ही रेलवे रोड पर सड़क के किनारे एचईएस द्वारा चार वर्ष पूर्व लगाए गए पेड़ को काटकर साफ कर दिया गया।
इसी के चलते संस्था एचईएस ने इस वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में न मनाकर पर्यावरण शोक दिवस के रूप में मनाया था और उक्त पेड़ की रसम क्रिया अदा की थी। प्रो. सैनी ने सरकार से मांग की है कि हरियाणा के नगरपालिका एवं नगर निगमों की सीमा में दिल्ली और चंडीगढ की तर्ज पर ट्री प्रोटेक्शन लागू किया जाए तथा इस दिशा में अदालतों के दिशा-निर्देशों का पालन सख्ती से किया जाए।