भिवानी, 21 फरवरी (हप्र)
शहीद भगत सिंह के चाचा और पगड़ी संभाल आंदोलन के संस्थापक अजीत सिंह की स्मृति में कितलाना टोल पर 23 फरवरी को बड़ा आयोजन होगा। इस बात का ऐलान कितलाना टोल पर किसानों के चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर अध्यक्ष मंडल ने बैठक करने के बाद धरनारत किसानों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने इलाके के लोगों से इसमें बढ़चढ़कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि सरदार अजीत सिंह एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी किसानों के हित के लिए ब्रिटिश हुकूमत से लड़ने में गुजार दी। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान राजकुमार घिकाड़ा ने धरने को समर्थन देते हुए बताया कि सर्व कर्मचारी संघ का प्रत्येक कर्मचारी किसान आंदोलन के साथ अंतिम क्षण तक कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई में सहयोग करते रहेंगे। कितलाना टोल पर धरने के 59वें दिन सूरजभान सांगवान, बिजेंद्र बेरला, धर्मपाल महराणा, प्रभुराम गोदारा सुभाष यादव, कृष्णा सांगवान, हवा सिंह बेली ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया।
इस अवसर पर बलबीर बजाड़, सुरेंद्र कुब्जानगर, कप्तान रामफल, सुरेश कुमार, कमलेश भैरवी, पूर्व सरपंच निर्मला देवी, पूर्व सरपंच लवली, पूर्व सरपंच सुरेन्द्र घिकाड़ा, जगदीश हुई, हवासिंह बेरला, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।
शाहजहांपुर बार्डर पर मेवाती किसान शामिल
नूंह/मेवात (निस) : सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर जिला नूंह(मेवात) के किसान एक मिशन के तौर पर जुटे हुए हैं। वह सिंधु बार्डर, शाहजहांपुर, पलवल व राजस्थान-हरियाणा सीमा के किसान आंदोलन में अपनी पूरी सहभागिता जुटा रहे हैं। किसान नेता रमजान चौधरी ने जानकारी दी कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर को दिल्ली चलों के बुलावे पर किसान आंदोलन दिल्ली के बॉर्डर खासतौर पर सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर खासा जमावड़ा हो गया, जिसमें मेवाती किसानों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। पुलिस के उनको रोकने पर उसी दिन से शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर के नाम से ये मोर्चा कायम हो गया और आज भी चल रहा है, जिसका आज 72वां दिन है। आज मेवात और अलवर मेवात से काफी साथी शाहजहांपुर मोर्चे का हिस्सा बन चुके हैं।
किसानों की अनदेखी ठीक नहीं : कांता आलड़िया
रोहतक (निस) : केन्द्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को भारी जन समर्थन मिल रहा है। रविवार को मिशन एकता समिति की प्रदेश अध्यक्ष कांता आलड़िया मकडोली टोल पहुंची और धरने पर बैठे किसानों को अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसानों ने अपने हक लेने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। तीन महीने से ज्यादा समय से किसान तीन कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे है, लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार कारपोरेट घरानों के चंगुल से बाहर नहीं निकल पा रही है। उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि जब देश का अन्नदाता इन कानूनों को लेकर खुश नहीं है, तो सरकार क्यों जबरन इन काले कानूनों को किसानों पर थोपना चाहती है। कांता आलड़िया ने कहा कि अगर समय रहते केन्द्र सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो यह किसान आंदोलन सरकार के कफन में कील साबित होगा। इस अवसर पर राजू मकडोली, रामचेतन राठी, बिजेन्द्र हुड्डा, आजाद सिंह हुड्डा, डॉ. बिरेन्द्र कादियान, सोमबीर बागडी, आजाद बुधवार, राजपाल प्रजापति, महेन्द्र बांगडी, नवीन नेहरा प्रमुख रूप से शामिल रहे।