भिवानी, 13 मई (हप्र)
भिवानी के 3 संस्कृत साहित्यकारों को 15 मई रविवार को गुरुग्राम में आयोजित समारोह में राज्य स्तरीय पुस्तक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा तीनों का वर्ष 2018 और 2020 के सम्मान के लिए चयन किया हुआ है। तीनों साहित्यकारों को 31-31 हजार रुपए पुरस्कार व सम्मान-पत्र प्रदान देकर सम्मानित किया जाएगा। यह कार्यक्रम हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा गुरुग्राम के सनसिटी स्कूल में आयोजित किया जाएगा।
पुस्तक-पुरस्कारों में ‘पद्य विधा’ वर्ष 2018 के लिए डा. जोगेंद्र कुमार को उनकी पुस्तक ‘जीवन सौरभ’ के लिए, वर्ष 2018 के लिए ही नाटक विधा में सुशील शास्त्री की पुस्तक ‘वृक्षनाथपितामह: सुरक्षित:’ का चयन किया हुआ है। वर्ष 2020 के लिए ‘पद्य विधा’ में जयपाल शास्त्री को उनकी पुस्तक ‘अथ-काव्यमिदं में जीवनपाथेयं’ के लिये चयन किया हुआ है।
सुशील शास्त्री जिले के राजकीय उच्च विद्यालय सिढान में संस्कृत शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। संस्कृत अकादमी की तरफ से यह उनका दूसरा राज्यस्तरीय सम्मान है। इससे पहले वर्ष 2020 के लिए उन्हें महाकवि बाणभट्ट पुरस्कार के लिए चुना जा चुका है। संस्कृत में 3 और हिंदी में 2 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, चार अभी प्रकाशनाधीन है।
जयपाल शास्त्री वर्तमान में तोशाम के चौधरी बंसीलाल महिला महाविद्यालय में संस्कृत विषय के सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। पद्य विद्या में लिखित पुस्तक का पुरस्कार में चयन किया गया है। मूल रूप से रोहतक जिले में बसाना गांव के निवासी हैं।
गांव रतेरा के मूल निवासी डा. जोगेंद्र कुमार का भी संस्कृत अकादमी की तरफ से यह पहला सम्मान है। इनके द्वारा पद्य और नाटक विधा में 6 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है। 50 शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। वे तोशाम के बनवारी लाल जिंदल सुईवाला महाविद्यालय में संस्कृत के सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।