चंडीगढ़, 6 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा की तहसीलों में तहसीलदार व नायब-तहसीलदार अगर जमीन की रजिस्ट्री में आनाकानी कर रहे हैं या फिर जान-बूझकर लटका रहे हैं तो चिंता की बात नहीं है। अब आप संबंधित एसडीएम और डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) के पास जाकर रजिस्ट्री करवा सकते हैं। सरकार ने एसडीएम और डीआरओ को जमीनों के पंजीकरण के अधिकार दिए हैं। अब ये अधिकारी भी जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे। इतना ही नहीं, रजिस्ट्री के 10 दिनों के बाद जमीन का इंतकाल (म्यूटेशन) होगा। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के लोगों को ये दो सौगातें दीं।
सीएम ने ई-गवर्नेंस की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए संपत्ति के इंतकाल की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की शुरुआत की। उन्होंने वेब हैलरिस में म्यूटेशन का स्वचालित जेनरेशन मॉड्यूल शुरू किया। पोर्टल से अब किसी भी संपत्ति/जमीन का इंतकाल (म्यूटेशन) रजिस्ट्री के तुरंत बाद हो सकेगा। इसकी जानकारी पोर्टल पर होगी। 10 दिन तक म्यूटेशन पर आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी। अगर कोई आपत्ति दर्ज करवाता है तो इंतकाल नहीं होगा, यह रुक जाएगा। फिलहाल किसी भी जमीन या संपत्ति की बिक्री, मॉर्टगेज विद पोजेशन, पारिवारिक हस्तांतरण और उपहार का म्यूटेशन किया जाएगा।
सीएम ने कहा कि 2019 में इंतकाल (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना हमारी प्रमुख घोषणाओं में से एक थी। इसी के तहत आज यह पोर्टल लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘व्यवस्था से परिवर्तन’ के लिए हमने जो पहल की है, वह जन हित में है। पहले म्यूटेशन के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता था। इसी को देखते हुए हमने सब कुछ आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है। सीएम ने कहा कि सरकार विवादास्पद म्यूटेशन के मुद्दे को भी हल करने की दिशा में काम कर रही है।
इस मौके पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त राजेश खुल्लर, सीएम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ़ अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य मौजूद रहे।
जल्द ही कहीं भी की जा सकेगी रजिस्ट्री सीएम ने कहा कि जल्द ही हम एक नयी प्रणाली शुरू करेंगे। इसके तहत संपत्ति की रजिस्ट्री किसी भी जिले में कहीं भी की जा सकेगी। राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि किसी को अपना काम कराने के लिए लंबी लाइनों में खड़ा न होना पड़े या ज्यादा समय न लगे। सब काम आसानी से हो जाएं।
एससी समुदाय के लोगों पर दर्ज 54 केस होंगे वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एससी समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि साल 2017 में एक आंदोलन हुआ था, जिसमें 54 मामले दर्ज किये गये थे। उन्होंने कहा कि ये सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे, बशर्ते अपराध जघन्य न हो।