करनाल, 18 जनवरी (हप्र)
मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंची आगनवाड़ी वर्करों और पुलिस के बीच मंगलवार को धक्का मुक्की और तनातनी की स्थिति बनी रही। पुलिस द्वारा सीएम आवास के निकट की गई बेरिकेडिंग के नजदीक जाकर वर्कर पहले बीच सड़क पर ही धरने पर बैठ गई और बाद में जब उन्होंने बेरिकेड तोड़ने का प्रयास किया तो धक्का-मुक्की शुरू हो गई। शाम को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार व मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि सजय बठला ज्ञापन लेने आए। उन्होंने आश्वासन दिया गया कि मुख्यमत्री से बात करवाने का प्रयास करेंगे। यूनियन की तालमेल कमेटी के पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार करनाल में वर्करों व हेल्परों ने इससे पहले शहर में रोष मार्च निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रही है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार अड़ियल रवैया छोड़कर 2018 में विधान सभा में मुख्यमंत्री द्वारा खुद की गई घोषणा को तुरन्त प्रभाव से लागू करे। उन्होंने कहा कि वर्करों व हेल्परों में हरियाणा सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ भारी आक्रोश है। महिला एवं बाल विकास परियोजना व हरियाणा सरकार के फरमान की परवाह न करते हुए करनाल की तमाम आंगनवाड़ी वर्करों ने प्ले वे स्कूल के नाम पर दी जाने वाली ट्रेनिंग का बहिष्कार कर दिया है। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान रूपा राणा ने की व संचालन नीलम ने किया।
इस अवसर पर सुरिन्द्र शर्मा, अजीत सैनी, राजिन्द्र राणा, कृष्ण निर्माण, सुरेश सैनी, भाग सिंह, रमेश चंद, नीलम, बबीता, ममता व कुसुम ने भी संबोधित किया।
सरकार नहीं कर रही समस्या का समाधान
सीटू जिला प्रधान सतपाल सैनी, जगपाल राणा, रूपा राणा, बिजनेश राणा, रीना और ओपी माटा व कामरेड जगमाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार वर्कर्स और हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही हैं। एक तरफ सरकार ने कोरोना के चलते स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दे रखा है। स्कूल स्टाफ को भी आधी संख्या में बुलाया जा रहा है। दूसरी ओर, प्ले वे स्कूलों की ट्रेनिंग करना और कुछ नहीं बल्कि राज्य में जारी आंगनवाड़ी कर्मियों की हड़ताल को कमजोर करने की साजिश है।