विज्ञान केवल करियर नहीं, राष्ट्र निर्माण का माध्यम : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे विज्ञान को प्रयोगशालाओं की दीवारों से बाहर निकालकर उनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं। जब उनका ज्ञान एक किसान की फसल बढ़ाता है, जब शोध एक मरीज की बीमारी ठीक करता है, जब नवाचार एक उद्यमी को सशक्त करता है, तभी विज्ञान सही मायने में ‘समृद्धि’ लाता है।
मुख्यमंत्री रविवार को सेक्टर-5 में आयोजित चार दिवसीय 11वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के दूसरे दिन मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। सीएम ने समारोह में स्टूडेंट्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी विलेज का उद्घाटन किया। इस विलेज को आधुनिक भारत का ‘नया नालंदा’ की संज्ञा दी गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों में गहरी रुचि दिखाई। सैनी ने कहा कि विज्ञान केवल करियर नहीं है, राष्ट्र निर्माण का माध्यम है। युवा, छात्रों और वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि वे ही भारत की वह पीढ़ी हैं जो भारत को विकसित बनाएगी।
इस अवसर पर सचिव डीबीटी डॉ राजेश गोखले, संयुक्त सचिव अर्थ-साइंस मंत्रालय श्री डीएस पांडियान, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिव शर्मा, महासचिव विवेकानंद पाई, निदेशक आईआईटीएम डॉ सूर्यचंद्र राव, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के कार्यकारी निदेशक डॉ बृजेश पांडे, वैज्ञानिक डॉ जगवीर सिंह व अन्य मौजूद रहे।
