चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदेश की पहली साइंस सिटी स्थापित करेगी। इस पर जल्द काम शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट पर 191 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसी तरह से अम्बाला सिटी में 85 करोड़ रुपए की लागत से आर्यभट्ट विज्ञान केंद्र स्थापित होगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होंगी। राज्यपाल सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौक पर राजभवन में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की ओर से ‘हरियाणा विज्ञान रत्न’ एवं ‘हरियाणा युवा विज्ञान रत्न’ पुरस्कार के लिए चयनित वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए यह आयोजन किया गया। राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का स्कूल स्तर पर तंत्र विकसित किए जाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में देश को विश्व स्तर पर नई पहचान मिलेगी। इससे ‘न्यू इंडिया मॉडर्न इंडिया’ का स्वरूप तैयार होगा। इस मौके पर मुख्य सचिव संजीव कौशल, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ अशोक खेमका, एके सिंह आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिला सम्मान : उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रो़ नीरज जैन व प्रो़ मुकेश जैन को 2019 के लिए, प्रो़ मोती लाल मदान व डॉ सुशीला मान को 2020 के लिए तथा डॉ़ चेतन प्रकाश कौशिक व डॉ इलोरा सेन को 2021 के लिए हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के रूप में 4 लाख रुपए की नकद राशि प्रशस्ति-पत्र, ट्रॉफी व शॉल भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इसी तरह से डा़ पूजा देवी व डॉ राम जिवारी को 2019 के लिए, डा़ पवन कुमार व सतीश खुराना को 2020 के लिए तथा डॉ कल्पना नागपाल को 2021 के लिए हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने 11 वैज्ञानिकों को विज्ञान पुरस्कार दिया। इनमें दो महिला वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि महिलाओं को इस पुरस्कार से नवाजा है।
प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाया : खट्टर
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाने का काम किया है। वर्तमान अनुकूल नये अनुसंधानों की खोज में दूसरे ग्रहों तक पहुंच विज्ञान की प्रगति का द्योतक है। समाज के विशेष वर्ग ने जीवन की दिशा बदलने का कार्य किया है। जीवन में छोटी-छोटी घटनाएं क्यों और कैसे होती है और इनके क्या परिणाम निकलेंगे यह वैज्ञानिकों में जिज्ञासा उत्पन्न करती है और वैज्ञानिक इसकी खोज की ओर अग्रसर होते हैं। भारत की संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान विश्व शांति की ओर ले जाने वाला है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज ने कहा, भौतिकी में शोध के प्रयास किए जा रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा से बुनियादी ढांचा बेहतर बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों तकनीकों से उपयोग कोरोना महामारी में कारगर सिद्ध हुआ।