जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 1 अगस्त
प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों की वर्षों पुरानी इमारतें डर का माहौल पैदा कर रही है। पिछले कई सालों से बच्चों को यहां मजबूरी में पढ़ना पढ़ रहा है। कई खंडहर भवनों में जुगाड़ के सहारे चल रहे हैं तो कहीं उधार के भवनों में चल रहे हैं। प्रदेश के हर जिले में आपको सरकारी स्कूलों में इस तरह का मंजर नजर आ जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारियों ने जर्जर भवनों को कंडम करने के लिए पीडब्ल्यूडी को लिखा है, लेकिन फाइलें धूल फांक रही है। कई बार इन जर्जर इमारतों से हादसे भी हो चुके हैं।
शिक्षा विभाग की ओर से लोक निर्माण विभाग को कंडम घोषित करने और इनकी मरम्मत कराने के लिए सूची भेजकर रिमांइडर दिए जा रहे हैं, लेकिन विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
अम्बाला के 87 स्कूलों के 243 ऐसे कमरें है, जिनकी हालात बहुत जर्जर हैं, लेकिन इनको अभी कंडम घोषित नहीं किया गया और न ही इनकी रिपेयर की गई है। ये कमरे शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में अनसेफ हैं। नियमानुसार लोक लिर्माण विभाग-भवन के अधिकारी निरीक्षण करके ही इस बारे कोई निर्णय लेकर बताते हैं कि संबंधित बिल्डिंग कंडम हो चुकी है या फिर उसको केवल रिपेयर की जरूरत है। इस कार्य में देरी होने से स्कूलों में हादसे होने का भी डर बना रहता है। हिसार में 28 स्कूलों को अनसेफ घोषित करने के लिए विभाग ने पीडब्ल्यूडी को लिखा हुआ है।
पीडब्ल्यूडी ने नहीं दी जानकारी
जर्जर स्कूलों को लेकर लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता बीएंडआर पुनीत से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने एसडीओ रितेश का नंबर देते हुए बात करने को कहा। जब एसडीओ रितेश से बात की जो उन्होंने ऐसे किसी पत्र की जानकारी होने से आनाकानी की। बाद में उनके व्हटसएप पर पत्र भेज दिया गया तो उन्होंने अगले दिन इसकी जानकारी देने का आश्वाससन दिया, लेकिन वह जानकारी अगले दिन भी नहीं मिली।
दिन में गिरता लेंटर तो होता बड़ा हादसा
छावनी के पास स्थित शाहपुर में रात के समय स्कूल के कमरे का लेंटर गिर पड़ा। जिला परियोजना अधिकारी सुधीर कालड़ा करीब 10 दिन पहले ही वहां के स्टाफ को इन कमरों का प्रयोग न करने और छात्रों एवं स्टाफ की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे। अगर दिन में लेंटर गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था। ऐसे ही अम्बाला शहर के बलदेव नगर के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बरामदे के लेंटर का प्लास्टर गिर रहा है। ब्लॉक-2 के गांव कांवला स्थित सरकारी स्कूल में एक ऐसी बिल्डिंग है जो पिछले 9 सालों से बंद की हुई है। स्कूल के अध्यापक अमित छाबड़ा की माने तो 2019 में पीडब्लूडी के अधिकारी बिल्डिंग का निरीक्षण करने भी आए, लेकिन अभी तक कमरों को गिराया नहीं गया है।
बच्चों ने हाईकोर्ट में लड़ी लड़ाई
कैथल (हप्र) : जिले के बालू गांव के सात स्कूली बच्चों ने स्कूल के भवन को लेकर कोर्ट में लड़ाई लड़ी और जीती। हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने स्कूल के भवन निर्माण के लिए अब 52 लाख 63 हजार रुपये का बजट जारी किया है। मामला कैथल जिले के गांव बालू के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का है। इस विद्यालय में जर्जर हुए 14 कमरों को गिराकर महज पांच का ही निर्माण कराया गया। यहां पढ़ रहे छात्रों ने शिक्षा विभाग में फरियाद की तो कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर छात्रों ने वर्ष 2017 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्कूल में 14 कमरे पूर्ण रूप से जर्जर हाल हो चुके थे। विभाग या सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। 2017 में छात्र अमरजीत, अभिषेक, सौरभ, अजय, मंदीप, सावन और विकास ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उस समय हाई कोर्ट ने सरकार को स्कूल में ग्रांट देने के आदेश जारी किए थे और स्कूल में 33 लाख रुपये का बजट भी आया।
दोबारा बनाए जाएं सकूल
नूंह/मेवात (निस) : नूंह के सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत किसी से छिपी नहीं हैं। जिला के गांव कुर्थला का सरकारी स्कूल की बिल्डिंग खस्ताहाल होने से उसे खाली करा रखा है और स्कूल दूसरी जगह पर चल रहा है। ग्रामीण उसमें सरकार से बारात घर बनाने की गुहार लगा चुके हैं। इसी तरह, पिनगवा का सरकारी स्कूल भी दो साल से अनसेफ घोषित होने से बच्चों को गर्ल्स स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी तरह जिला के सरकारी स्कूलों के 342 कमरे अनसेफ (असुरक्षित) घोषित किए हुए हैं। सबसे अधिक 13 कमरे इंडरी खंड में हैं। जिला शिक्षा विभाग के एसडीई अकरम खान ने बताया कि जिला के विभिन्न स्कूलों के 342 कमरे असुरक्षित हैं। विकास खंड पिनगवा का सरकारी स्कूल दो साल पहले ही असुरक्षित घोषित किया हुआ है। गांव के रविन्द्र, कपिल, सुमन, अमित ने कहा कि गांव के सरकारी स्कूल की इमारत को दोबारा बनाया जाए।
‘नियमानुसार लोक निर्माण विभाग बीएंडआर को खस्ताहाल हो चुके स्कूलों के कमरों की विस्तृत सूची पहले ही दी जा चुकी है। कई रिमांइडर भी भेजे जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई का नहीं पता। शाहपुर स्कूल का लेंटर गिरने के बाद अब इस सूची को जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाएगा।’
-सुधीर कालड़ा, जिला परियोजना अधिकारी एवं डिप्टी डीईओ अम्बाला
दो स्कूलों का कुछ भाग असुरक्षित
कुरुक्षेत्र (हप्र) : कुरुक्षेत्र जिले में ऐसा कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है जिसके पूरे भवन को अािधकारिक रूप से असुरक्षित घोषित किया हुआ हो। जिले में केवल 2 स्कूल ऐसे हैं जिनके भवन के कुछ हिस्से को असुरक्षित घोषित किया हुआ है। इन स्कूलों में राजकीय वरिष्ठ मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाबैन तथा राजकीय स्कूल लाडवा शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने बताया कि जिला में कुल 116 वरिष्ठ माध्यमिक तथा हाई स्कूल हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतनाम सिंह ने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में प्राथमिक और मिडल विद्यालयों में एक भी ऐसा स्कूल नहीं है, जिसका भवन असुरक्षित हो और उसमें क्लासें लगती हों। दूसरी ओर सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिला में कई स्कूल ऐसे हैं जिनके भवन के खस्ता हालत के बारे में स्कूलों के मुख्याध्यापकों को असुरक्षित घोषित करने के लिए लिखा हुआ है।
उधार तो कहीं किराये के भवन में चल रहे स्कूल
चरखी दादरी, 1 अगस्त (निस)
दादरी जिला में कई ऐसे स्कूल हैं जिनके भवन खंडहर हो चुके हैं और जुगाड़ के सहारे कक्षाएं लगाई जा रही हैं। विद्यार्थियों को भय के साये में किताबों की बजाए छत पर ध्यान रखना पड़ रहा है। दर्जनों स्कूलों के अधिकांश कमरों को शिक्षा विभाग द्वारा कंडम घोषित करवाने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जा चुका है। हालात ऐसे हैं विभाग को मजबूरी में उधार या किराये के भवनों में स्कूल चलाने पड़ रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश सभ्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा पिछले दिनों जिलेभर के सरकारी स्कूलों की सर्वे कराय था। सर्वे के दौरान सात स्कूलों की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और 45 स्कूल ऐसे हैं जिनके अधिकांश कमरे टूट हो चुके हैं। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को कंडम घोषित करवाने बारे पत्र लिखा गया है।
बारिशों के दिनों में ज्यादा खतरा, हादसे का रहता है डर
सोनीपत, 1 अगस्त (निस)
सोनीपत में 49 स्कूलों की बिल्डिंग अनसेफ श्रेणी में शामिल हैं। इन में से किसी स्कूल के कमरे, बरामदे तो किसी स्कूल की पूरी बिल्डिंग पूरी से कंडम हो चुकी हैं। बारिश के दिनों में अनसेफ बिल्डिंगों में खतरा बढ़ जाता है। गांव मोई माजरी स्थित राजकीय हाई स्कूल में जुलाई 2021 को एसएमसी के पुनर्गठन को लेकर हुई बैठक में छत से सीमेंट का प्लास्टर टूट कर हेडमास्टर दलीप कुमार पर गिर गया। गनीमत है कि बड़ा हादसा टल गया।
डीईओ प्रोमिला ने बताया कि जिले में 49 स्कूलों की बिल्डिंग अनसेफ घोषित की जा चुकी हैं। इनमें 23 प्राइमरी स्कूल, 3 मिडिल स्कूल, 9 हाई स्कूल तथा 14 सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बिल्डिंग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में विभाग को अवगत कराया जा चुका है।