चंडीगढ़, 12 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने हथीनकुंड बैराज पर एक नया डैम बनाने की योजना बनायी है। पांवटा साहिब से कलेसर तक यमुना नदी के प्रवाह क्षेत्र में हथनीकुंड बैराज की अपस्ट्रीम में यह बांध बनेगा। दरअसल, पहले ही केंद्र व हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों के सहयोग से बारिश व पहाड़ों से आने वाले पानी को स्टोर करने के लिए रेणुका, किशाऊ और लखवाड़-व्यासी बांधों के निर्माण का निर्णय लिया हुआ है। इसके लिए एमओयू भी साइन हो चुके हैं। इन बांधों के बनने के बाद भी काफी पानी नदी में बेकार जाएगा। सरकार के इस प्रस्तावित बांध में 20.43 प्रतिशत कैचमेंट एरिया में बाढ़ के पानी का भंडारण हो सकेगा। यहां बिजली प्लांट भी लग सकेगा। बजट में इसका उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि इसकी प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। रिपोर्ट बनने के बाद सरकार इसके निर्माण के लिए साझेदार राज्यों और केंद्रीय जल आयोग से सैद्धांतिक मंजूरी लेगी।
बजट के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि द्विवार्षिक जल प्रबंधन में पानी की बूंद-बूंद बचाने और मौजूदा पानी के बराबर बंटवारे पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भूमिगत जल स्तर ऊपर लाने के लिए रिचार्जिंग सहित कई योजनाओं पर काम हो रहा है। एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर भी सरकार काफी गंभीर है। इस बार के बजट भी में नहर के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार और भी पैसा देगी। पिछले कई वर्षों से यह पैसा एसवाईएल के लिए तय किया जा रहा है।
ट्रीटेड वाटर से होगी सिंचाई
सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहित करने तथा मौजूदा 35 एसटीपी से उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग सिंचाई में करने की योजना बनाई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों के खेतों में सूक्ष्म सिंचाई के साथ समुदाय आधारित सोलर/ग्रिड पावर्ड इंटीग्रेटेड माइक्रा इरीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी विस्तृत परियोजना मंजूर करवाई है।
केएमपी के साथ नहर
मेवात क्षेत्र में पेयजल के लिए 100 क्यूसिक की मेवात फीडर नहर बनाने का निर्णय लिया है। यह नहर बादली के निकट गुरुग्राम जलापूर्ति से पाइप्ड चैनल के रूप में निकाली जाएगी। इसे केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ गुरुग्राम चैनल तक जोड़ा जाएगा। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना के तहत 1000 रिचार्ज बोरवैल स्थापित होंगे। इससे हर वर्ष जलभराव से होने वाली लगभग 80 हजार एकड़ भूमि में सुधार होगा। सितंबर तक योजना पूरी होगी।