पलवल और नूंह में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का स्कैम उजागर
मोहन सिंह/ निस
हथीन, 17 जून
फर्जी क्लिनिक पर छापे के दौरान स्वास्थ्य विभाग को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का स्कैम मिला। पलवल और नूंह में अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े स्तर पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जा रहे थे। जांच में सामने आया है कि पिछले कुछ महीनों में 154 से ज्यादा बच्चों के फर्जी जन्मप्रमाण पत्र बनाए गए। पुराने रिकार्ड की जांच करने पर यह आकंड़ा हजारों में पहुंच सकता है। डिप्टी सीएमओ डा. संजय कुमार शर्मा की शिकायत पर उटावड़ थाना पुलिस ने दो डाक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अभी तक दोनों डाक्टर फरार हैं।
बीती 26 मई को गांव भीमसिका स्थित सलमा नर्सिंग होम पर छापा मारा गया। आरोप है कि सलमा नर्सिंग होम और उटावड़ स्थित रिहान हास्पिटल के डाक्टर आपसी सांठ-गांठ और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवा रहे थे। जांच के दौरान 154 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मिले। इनमें कुछ प्रमाणपत्र दूसरी और तीसरी बार भी बनाए गए थे। इस बारे में बीती 6 जून को जांच के लिए कमेटी गठित की गई। बार-बार नोटिस और सूचना दिए जाने के बाद भी रिहान हास्पिटल का डाक्टर कमेटी के समक्ष हाजिर नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने रिहान हास्पिटल और सलमा नर्सिंग होम को सील कर दिया। पता चला कि 69 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बच्चों के अविभावकों को उपलब्ध करवा दिए गए हैं।
जांच में पता चला कि गांव जलालपुर, पावसर, कोट, उटावड व नूंह जिला के गांव कलिंज, देवला, नगला, जय सिंह पुर व ढेकली में बडे स्तर पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इन गांवों की आशा वर्कर व एएनएम के रिकॉर्ड से जन्म घटनाओ का मिलान किया गया तो 154 में से 151 फर्जी पाए गए।
डिप्टी सीएमओ डा. संजय कुमार शर्मा की शिकायत पर उटावड थाना पुलिस ने डाक्टर रिहान और डाक्टर मोहम्मद अली के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी डाक्टर फरार हैं और जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र केंसिल करवाए जाएंगे। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को भी सूचित कर दिया गया है।