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श्री कृष्ण गौ संरक्षण धाम गौशाला के 8 करोड़ के बजट में घोटाला

कैथल, 29 अप्रैल (हप्र) श्री कृष्ण गौ संरक्षण धाम गौशाला में विवाद मामले में अब नया मोड़ आया है। गौशाला समिति के निष्कासित किए गए पूर्व सचिव प्रदीप सिंगला ने बताया कि गौशाला समिति के सदस्यों ने गोबर और मरी...

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कैथल में पत्रकारों से बात करते पूर्व सचिव प्रदीप सिंगला। -हप्र
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कैथल, 29 अप्रैल (हप्र)

श्री कृष्ण गौ संरक्षण धाम गौशाला में विवाद मामले में अब नया मोड़ आया है। गौशाला समिति के निष्कासित किए गए पूर्व सचिव प्रदीप सिंगला ने बताया कि गौशाला समिति के सदस्यों ने गोबर और मरी हुई गाय बेचने तक में घोटाला किया है।

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समिति के सदस्यों ने गौशाला में आये सात से आठ करोड़ रुपये के बजट में गबन किया गया है। एक निजी होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिंगला ने बताया कि जिला रजिस्ट्रार ने गौशाला में सेवानिवृत्त डीडीपीओ राजकुमार चांदना को प्रशासक लगाया है। सिंगला ने बताया कि उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में गौशाला समिति के खिलाफ याचका डाली थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने गबन के मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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यह मामला पिछले साल सितंबर का है। इसके बाद उसने 6 अक्तूबर, 2023 को एक याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डाली थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 22 अप्रैल, 2024 को अदालत ने गवर्निंग बॉडी को निरस्त कर यहां प्रशासक लगाने के आदेश जारी किए हैं।

हाईकोर्ट ने जिला रजिस्ट्रार कार्यालय को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के तहत रजिस्ट्रार कार्यालय ने अब प्रशासक की नियुक्ति की है। सिंगला ने आरोप लगाकर कहा कि प्रधान व कैशियर सहित अन्य कार्यकारिणी ने मिलकर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार गौ माता के नाम पर आने वाले चंदे और सरकारी रुपयों में किया है।

बताया कि स्व. रामनिवास के नाम पर पांच लाख 85 हजार रुपये की राशि जमा दिखा दी।

यह खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। इसके साथ ही गोशाला में आए सात से आठ करोड़ रुपये के बजट में गबन किया गया है। प्रदीप सिंगला ने कहा है कि 22 अप्रैल, 2024 को कोर्ट ने गवर्निंग बॉडी को निरस्त कर यहां प्रशासक लगाने के आदेश जारी किए हैं। सिंगला ने आरोप लगाया कि गौशाला में आई दो लाख 73 हजार ईंटों को लगाने में भी भ्रष्टाचार किया गया। इसके साथ ही गौशाला के बेचे गए गोबर की कीमत भी कम दिखाई है, जबकि यह कीमत 15 से 20 लाख रुपये बनती है। इसमें भी गबन किया गया है। यही नहीं, पशुपालन विभाग की ओर से मिले 54 लाख 83 हजार रुपये में भी भ्रष्टाचार किया गया है। हाइकोर्ट में पुलिस प्रशासन को भी तीन महीने में जांच कर इसकी रिपोर्ट करने के निर्देश जारी किए हैं।

जांच के लिए एडमिनिस्ट्रेटर ने मांगा रिकॉर्ड

सेवानिवृत्त डीडीपीओ राजकुमार चांदना ने बताया कि जिला रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से उनकी नियुक्ति की गई है। गौशाला में जो भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला है। इस पर उन्होंने पूरा रिकार्ड मांग लिया है। रिकार्ड की जांच जल्द ही शुरू की जाएगी। रिकॉर्ड की जांच के बाद ही सही और गलत की जानकारी मिल पाएगी।

प्रदीप सिंगला ने गौशाला को देने हैं ढाई लाख : प्रधान

प्रधान रामफल खुरानिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह निराधार हैं। अब प्रशासक लग चुके हैं और वे पूरी तरह से जांच के लिए तैयार हैं। पूर्व में एक 11 सदस्यीय कमेटी द्वारा प्रदीप सिंगला को कमेटी से निष्कासित किया जा चुका है। सच्चाई ये है कि कमेटी पर आरोप लगाने वाले प्रदीप सिंगला ने गौशाला को अढ़ाई लाख रुपये देने हैं, जो वह दे नहीं रहा है। पैसे देने के बजाय कमेटी पर आरोप लगा रहा है।

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