भिवानी (हप्र) : संस्कृत सबसे पुरानी भाषा है और यह सब भाषाओं की जननी है। संस्कृत को देव भाषा के रूप में भी जाना जाता है। संस्कृत का इतना महत्व है कि अमेरिका, रूस, स्वीडन, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में नर्सरी से ही बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाने लगी है। अमेरिका जैसे विकसित देश में संस्कृत के विश्वविद्यालय भी स्थापित किए जा चुके हैं। ये विचार उपायुक्त आरएस ढिल्लों ने बुधवार को हलवासिया विद्या विहार में हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला एवं भारत संस्कृत परिषद हरियाणा के संयुक्त तत्वावधान में नई शिक्षा नीति विषय पर आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हमें संस्कृत को केवल कर्म-कांड की भाषा नहीं मानना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के निदेशक डा. दिनेश शास्त्री ने की उन्होंने कहा कि अकादमी द्वारा संस्कृत को प्रचार-प्रसार के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।