सांझी उत्सव लोक संस्कृति के संरक्षण और विकास को दर्शा रहा : सुमन सैनी
हरियाणा राज्य बाल विकास परिषद की उपाध्यक्ष सुमन सैनी ने कहा कि सांझी का यह उत्सव केवल एक आयोजन ही नहीं है, बल्कि हमारी लोक संस्कृति के संरक्षण और विकास को दर्शा रहा है। ऐसे आयोजन करने वाले संगठन विरासत हैरिटेज समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। वे हमारी संस्कृति को सिर्फ किताबों या संग्रहालयों तक सीमित नहीं रहने देते, बल्कि उसे जन-जन तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि विरासत हेरिटेज विलेज द्वारा आयोजित सांस्कृतिक प्रदर्शनी में भी पारंपरिक कृषि उपकरण, बैलगाडिय़ां, लकड़ी के हल, प्राचीन बाट, सदियों पुराने चड्स और ढेकली, चरखे, पारंपरिक फुलझड़ी और हस्तनिर्मित मिट्टी और लुगदी के खिलौने, बोहिया जैसी दुर्लभ वस्तुएं हरियाणा की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं। यह प्रदर्शनी नई पीढ़ी को इन प्राचीन वस्तुओं की उपयोगिता को रचनात्मक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने में भी मदद करेगी। सुमन सैनी रविवार को मसाना गांव में आयोजित राज्य स्तरीय सांझी उत्सव-2025 में बोल रही थीं। उन्होंने 22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि पर्व की सभी नागरिकों को शुभकामनाएं दी। इस पूर्व उन्होंने सांझी की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह उत्सव हमारी गौरवशाली परंपराओं का जीवंत उदाहरण है।सांझी कला हमारी समृद्ध विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है। सांझी का त्योहार नवरात्रि में बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। सांझी स्थापना तो सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, जिसे ग्रामीण महिलाएं नवरात्रों से एक दिन पहले अपने घरों की कन्याओं को लेकर भित्ति पर स्थापित करती रही हैं। इस उत्सव में सांझी प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से 1 लाख 71 हजार रुपये के पुरस्कार भी रखे गए हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर तुषार सैनी, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुदेश छिकारा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र पॉल, प्रोफेसर महासिंह पूनिया, निदेशक अभिनव पूनिया, मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, मंडल अध्यक्ष शिव गुप्ता, मंडल अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।