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वीआईपी को सलामी पर अब नहीं चलेगी मनमानी

हरियाणा में गार्ड ऑफ ऑनर का ‘एक्सक्लूसिव कोड’ लागू
एआई जनरेटेड इमेज
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हरियाणा सरकार ने वीवीआईपी प्रोटोकॉल में चल रही अव्यवस्था पर बड़ी ‘सर्जरी’ करते हुए गार्ड ऑफ ऑनर यानी सलामी को लेकर एक्सक्लूसिव कोड लागू कर दिया है। वीआईपी दौरे के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर देने को लेकर आ रही शिकायतों, जिलों में अलग-अलग प्रैक्टिस और 2024 की अधिसूचना के बाद फैली भ्रम की स्थिति ने सरकार को आखिर

यह व्यापक आदेश जारी करने पर मजबूर कर दिया।

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अब पूरे राज्य में कौन-सा गणमान्य व्यक्ति किस मौके पर, किस स्तर की टुकड़ी और किस फॉर्मेशन के साथ सलामी पाएगा, यह पूरी तरह फिक्स कर दिया गया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से जारी किए गए आदेशों ने साफ कर दिया है कि अब कोई जिला, कोई एसपी, कोई डीसी अपनी मर्जी से गार्ड ऑफ ऑनर नहीं देगा। प्रोटोकॉल का एक ही कोड चलेगा।

जिला प्रोटोकॉल में असमानता, गलतफहमियां और आधिकारिक नाराजगी के मामले लगातार सामने आ रहे थे। पिछले एक साल में कई जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आईं कि मंत्री के आगमन पर कहीं पूरा बैंड तैनात कर दिया गया, तो कहीं सिर्फ एक बगलर। किसी जगह हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज को अपेक्षित सम्मान नहीं मिला, तो कहीं डीसी–एसपी ने अलग-अलग व्याख्या करके असहज माहौल बना दिया।

सूत्र बताते हैं कि कई मौकों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने सीधे सरकार से शिकायत की कि हर जिले का प्रोटोकॉल अलग क्यों हैं। उसी के बाद राज्य सरकार ने महसूस किया कि पुराने नियम (2024) अस्पष्ट थे। संशोधन इतने हुए कि कोई नहीं समझ पा रहा था कि अंतिम नियम क्या हैं। और सबसे अहम यह कि प्रोटोकॉल जैसे संवेदनशील विषय में एकरूपता न होने से राज्य की छवि को नुकसान हो रहा था। अब सरकार ने 2024 की नियमावली और उसके बाद हुए सभी संशोधन रद्द कर दिए हैं। किसी भी तरह की छूट या अस्थायी बदलाव केवल जीएडी (प्रोटोकॉल शाखा) की पूर्व स्वीकृति से ही मान्य होगा।

किसके लिए कितनी टुकड़ी

नये नियमों के अनुसार, राज्यपाल को 1 2 4 100 की पूर्ण औपचारिक टुकड़ी व पूरा बैंड गार्ड ऑफ ऑनर देगा। मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, स्पीकर, कैबिनेट मंत्री आदि को 1 2 4 50 या 1 2 4 32 प्रोफाइल का गार्ड ऑफ ऑनर मिलेगा। वरिष्ठ अधिकारियों- मुख्य सचिव, डीजीपी, डिविजनल कमिश्नर, एडीजीपी, आईजी, डीसी व एसपी के लिए उनके पद व मौके के अनुरूप छोटी या मध्यम टुकड़ी तय की गई है। कई औपचारिक विजिट पर सिर्फ एक बगलर पर्याप्त माना गया है।

कब मिलेगा गार्ड ऑफ ऑनर

हर विजिट पर सलामी नहीं मिलेगी। इसके लिए परिस्थितियां भी स्पष्ट कर दी हैं। चार्ज संभालने के दिन (केवल एक बार), चार्ज छोड़ने से पहले (केवल एक बार), गवर्नर के विधानसभा अभिभाषण के दौरान आगमन/प्रस्थान, जिले के औपचारिक निरीक्षण/रिव्यू के समय, विशेष/घोषित औपचारिक अवसरों पर ही गार्ड ऑफ ऑनर मिलेगा। यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कौन सा बैंड बुलाना है। पुलिस विभाग से लेकर जिला प्रशासन तक अब एक समान दिशानिर्देशों के साथ काम कर सकेंगे।

राज्यपाल से लेकर डीसी-एसपी तक का सम्मान स्तर तय

कुछ वीवीआईपी मामलों में केंद्र सरकार के निर्देश लागू होते हैं। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मिशनों के प्रमुख व विदेशी राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं। इसी तरह हरियाणा सरकार ने गणमान्याें के लिए प्रोटोकॉल तय किया है। इनमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, कैबिनेट मंत्री, डिप्टी स्पीकर, राज्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, डिविजनल कमिश्नर, एडीजीपी, पुलिस आयुक्त व आईजी, जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। होम व रेवेन्यू विभाग के प्रशासनिक सचिव भी सम्मान की इस सूची में शामिल रहेंगे।

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