‘हिन्दू संस्कृति को बचाने में संत-महात्माओं का विशेष योगदान’
रेवाड़ी, 11 मार्च (हप्र) बावल क्षेत्र के गांव टांकड़ी के साधा मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय संत गरीबदास वाणी पाठ का मंगलवार को संतों के प्रवचनों के साथ समापन हो गया। समारोह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के सैकड़ों साधुओं,...
रेवाड़ी, 11 मार्च (हप्र)
बावल क्षेत्र के गांव टांकड़ी के साधा मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय संत गरीबदास वाणी पाठ का मंगलवार को संतों के प्रवचनों के साथ समापन हो गया। समारोह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा के सैकड़ों साधुओं, साध्वियों व श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। टांकड़ी धाम के महंत कमल सागर ने कहा कि हिन्दू संस्कृति व सनातन को बचाने में देश के संत-महात्माओं को विशेष योगदान रहा है। हम उनके बताये मार्ग व उपदेशों पर चलकर ही हिन्दू संस्कृति को संवर्धित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज मोबाइल फोन, टेलीविजन व पश्चिमी सभ्यता के भोंडे प्रचार ने हमारी संस्कृति पर प्रभाव डाला है। अभिभावकों को अपने बच्चों को इनसे दूर रखना चाहिए। उन्होंने युवाओं से नशे की लत से दूर रहने की अपील की। हरिद्वार से पहुंची साध्वी शालिनी, पुष्पा देवी, स्वामी रामधनी दास, बलदेव महाराज, समुद्र दास महाराज ने समाज में फैले अंधविश्वास, पांखड़ों से दूर रहने व माता-पिता व बुजुर्गों का आदर सम्मान करने की अपील की। इस मौके पर संत महेन्द्र दास, सूरजप्रकाश ब्रह्मचारी, रमेश दास आदि संत मौजूद रहे।

