आयुर्वेद कोर्स में एमडी व एमएस के नियम बदले
चंडीगढ़, 30 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी और निजी कॉलेजों में आयुर्वेद कोर्स में एमडी व एमएस के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है। सरकार की ओर से शनिवार को जारी निर्देशों के अनुसार कोर्स में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी यदि बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं तो उन्हें तीन साल के लिए बैन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 7.5 लाख रुपए की बॉन्ड राशि भी समाप्त कर दी जाएगी।
हरियाणा आयुष विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी.अनुपमा द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि छात्रों को स्कॉलरशिप और उन्हें भुगतान की गई अन्य सुविधाएं भी वापस करनी होंगी। नए प्रवेश मानदंड के तहत 25 प्रतिशत सीटें राज्य कोटा के तहत हरियाणा में स्थित संस्थानों से बीएएमएस कोर्स पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी।
साथ ही, कुरुक्षेत्र स्थित श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय 85 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए केंद्रीकृत काउंसलिंग के लिए नोडल एजेंसी होगा।
15 प्रतिशत सीटों के लिए काउंसलिंग अखिल भारतीय योग्यता श्रेणी के तहत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाएगी। फीस स्ट्रक्चर को लेकर नोटिफिकेशन में कहा गया है कि निजी कॉलेजों में जिस मेडिकल शाखा में प्रवेश मांगा गया है, उसके आधार पर प्रति वर्ष 2.64 लाख रुपए से लेकर 4.5 लाख रुपए तक की राशि तय की गई है। इसके अलावा, छात्रों से प्रति वर्ष 60 हजार रुपए का छात्रावास शुल्क भी लिया जाएगा।