सोनीपत, 29 मार्च (हप्र)
नियम 134ए के तहत बच्चों को दाखिला न मिलने से खफा अभिभावकों ने लगातार दूसरे दिन भी मॉडल टाउन स्थित बीईओ कार्यालय पहुंचे जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी अभिभावकों का कहना था कि सरकार व शिक्षा विभाग ने बीच सत्र में नियम 134ए के तहत दाखिला प्रक्रिया शुरू की। अधिकारियों द्वारा दिए आश्वासन के बाद पुराने स्कूलों से एसएलसी भी निकला लिया, लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग ने सभी पात्र विद्यार्थियों को बीच मझधार में छोड़ दिया। दाखिला न मिलने से बच्चों का साल बर्बादी की कगार पर है, लेकिन सरकार, अधिकारी मौन हैं।
सोनीपत के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बिजेंद्र नरवाल के अनुसार नियम 134ए के तहत दाखिलों को लेकर कोर्ट में मामला विचाराधीन है। हाईकोर्ट के जो आदेश आए हैं, उनमें कहा गया है कि जिनका दाखिला हो चुका है उन्हें बैठाना सुनिश्चित किया जाए। अगर कोई स्कूल दाखिला हो चुके विद्यार्थियों को बैठाने से इनकार करता है तो वह कार्यालय में आकर शिकायत दे, कार्रवाई की जाएगी। नियम 134ए के तहत जैसे आदेश मिलेंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
छात्र अभिभावक संघ के नेतृत्व में मंगलवार को बीईओ कार्यालय पहुंचे अभिभावकों ने लगातार दूसरे दिन भी किसी अधिकारी के न मिलने पर रोष जताया। अभिभावकों ने कहा कि नियम 134ए के तहत ली गई मूल्यांकन परीक्षा का परिणाम 16 दिसंबर 2021 को जारी किया गया था। जिसमें 2544 विद्यार्थियों को पहले ड्रा में शामिल करते हुए स्कूल अलॉट कर दिए गए थे। 15 जनवरी तक तीन बार दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ाने, उसके बाद दूसरे ड्रा की प्रक्रिया पूरी करने व पोर्टल पर लंबित दाखिले खत्म करने के लिए दिए समय के बावजूद 23 फरवरी तक दोनों ड्रा में महज 1165 विद्यार्थियों का ही दाखिला सुनिश्चित हो पाया। जबकि 622 विद्यार्थियों का दाखिला निरस्त कर दिया गया था। शेष 1028 विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थियों के परिजनों ने सरकार व प्रशासन की बेरूखी को देखते हुए अपने बच्चों का साल बचाने के लिए पुराने स्कूलों मेें ही दाखिला करवा दिया था। अभिभावकों का कहना है कि काफी विद्यार्थी अभी भी दाखिले के लिए भटक रहे हैं।
बाक्स
57 अभिभावकों ने अदालत में दायर की थी याचिका
अभिभावकों ने कहा कि मूल्यांकन परीक्षा में उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को दाखिला देने से निजी स्कूलों के इंकार कर दिया था। जिसके बाद उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहे। सीएम विंडो पर भी शिकायत दी गई। शिक्षा विभाग की तरफ से निजी स्कूलों को नोटिस जारी किए गए, लेकिन निजी स्कूलों ने दाखिला देने के लिए हामी नहीं भरी। छात्र अभिभावक संघ के नेतृत्व में लगातार आंदोलन किए गए, लेकिन बच्चों को दाखिला नहीं मिला। छात्र अभिभावक संघ ने उच्च न्यायालय में 57 अभिभावकों की तरफ से एक याचिका दायर की गई। जिसकी सुनवाई करते हुए अब बच्चों को बैठाने के लिए आदेश दिए गए हैं।
आदेशों की कॉपी लेकर भटक रहे अभिभावक
अभिभावकों ने कहा कि उच्च न्यायालय के उस आदेश की कॉपी लेकर दो दिन से बीईओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, जिसमें शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों में विद्यार्थियों को बैठाना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नहीं मिल रहे और निजी स्कूल संचालक कहते हैं कि हमें कोई आदेश नहीं मिले हैं। अभिभावकों में शिक्षा अधिकारियों व निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ रोष बना हुआ है।