चंडीगढ़, 16 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार द्वारा आरटीआई एक्ट में किए जा रहे संशोधन से नाराज आरटीआई एक्टिविस्ट मंगलवार को चंडीगढ़ में जुटे। यहां सेक्टर-8 स्थित राज्य सूचना आयोग मुख्यालय में उन्होंने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद उन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल को राष्ट्रपति के नाम 12 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। जनअभियान मंच के बैनर तले आरटीआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर राज्य सरकार पर आरटीआई कानून को खत्म करने की साजिश रचने के आरोप लगाए।
मंच के प्रदेशाध्यक्ष पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि 2005 में बनाए गए आरटीआई एक्ट का राज्य सरकार पूरी तरह से गला दबाने में जुटी है। ऐसे में शासन-प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही लाने व लोकतंत्र में जनभागीदारी के लिए बनाए गए इस एक्ट का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। आरटीआई एक्ट में संशोधन से भ्रष्टाचारियों को खुली लूट का लाइसेंस मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि आरटीआई आवेदन पत्र के फॉर्मेट में 12 अप्रैल, 2021 के गजट नोटिफिकेशन में बदलाव करके आरटीआई आवेदक का आईडी प्रूफ अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला किसी राज्य में नहीं हुआ।
यह एक्ट संसद द्वारा पारित किया गया, ऐसे में इसमें राज्य सरकार अपनी मनमर्जी से किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकती। प्रदेश के कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता, अनुभव प्रमाण-पत्र जैसे पब्लिक डाक्यूमेंट्स देने पर भी रोक लगा दी है। इससे सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में भ्रष्टाचार करने वाले भ्रष्टाचारियों को फर्जीवाड़े का लाइसेंस मिल गया है।