आरएसएस की सेवा, संस्कार और राष्ट्रनिर्माण की 100 वर्षों की गौरवपूर्ण यात्रा : अमरजीत छाबड़ा
आरएसएस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जाट स्कूल मैदान में संघ द्वारा शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने पर पद संचलन किया गया। भाजपा सेवा पखवाड़े के जिला संयोजक अमरजीत छाबड़ा ने अपने पुत्र नमन छाबड़ा, 5 वर्ष की आयु...
आरएसएस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जाट स्कूल मैदान में संघ द्वारा शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने पर पद संचलन किया गया। भाजपा सेवा पखवाड़े के जिला संयोजक अमरजीत छाबड़ा ने अपने पुत्र नमन छाबड़ा, 5 वर्ष की आयु में पृथ्वी राज सिंह व जय विराज सिंह पोतों के साथ इस कार्यक्रम रूपी पवित्र यज्ञ में भाग लिया व पद संचलन किया। इस मौके पर अमरजीत छाबड़ा ने कहा कि 1925 में विजयादशमी के दिन परम पूज्य डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा संघ की स्थापना की गई, जिसमें डेढ़ दर्जन स्वयंसेवकों से पहली शाखा से शुरू होकर आज देशभर में 83000 से ज्यादा शाखाएं लगती हैं व करोड़ों की संख्या में स्वयंसेवक हैं। संगठन आज न केवल भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन बन चुका है, बल्कि राष्ट्रहित, सामाजिक सेवा और मानवीय मूल्यों का भी जीवंत प्रतीक बन गया है। छाबड़ा ने कहा कि संघ को लेकर समय-समय पर कई मिथक और आलोचनाएं भी उठती रही हैं, लेकिन संगठन ने सदैव संयम, संवाद और सेवा से जवाब दिया है।