रोहतक (हप्र) : बाजरा उत्पादक जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी की मंडियों का दौरा करने के बाद किसान नेता और जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने मंगलवार को दिल्ली बाईपास स्थित एक बैंक्वेट हॉल में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और कहा कि हरियाणा सरकार ने चोरी छिपे न्यूनतम समर्थन मूल्य को 2,250 रुपये प्रति क्विंटल से घटाकर 2,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। भारत सरकार ने बाजरे का एमएसपी 2250 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया था, लेकिन हरियाणा सरकार ने इस रेट पर खरीदने से पल्ला झाड़ते हुए नई ‘भावांतर भरपाई’ योजना की घोषणा की। बाजरे की सरकारी खरीद की जगह भावांतर भरपाई योजना से प्रदेश के किसानों की 300 करोड़ रुपये की लूट हुई है। बाजरा उत्पादक क्षेत्रों में किसानों, आढ़तियों और मंडी अधिकारियों से बातचीत करने पर यह स्पष्ट सामने आया कि यह नई योजना किसान को उसका न्यायोचित अधिकार दिलाने में असफल साबित हुई है। मंडी में दाम बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा 25 रुपये उत्पाद की खरीद का दावा झूठा साबित हुआ, क्योंकि सरकार ने एक रुपये बाजरे की खरीद भी नहीं की। उन्होंने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में भारी धांधली हुई है। सरकारी खरीद की अनिश्चितता और ऑनलाइन सुविधा की कमी के चलते अनेक किसान रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए। उन्होंने मांग की है कि किसानों को कम से कम 250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मुआवजे की दूसरी किस्त भी भेजी जाए। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अवीक साहा ने कहा कि खाद की किल्लत सरकार निर्मित संकट है क्योंकि सरकार ने समय पर आयात नहीं किया ताकि खाद पर सब्सिडी का पैसा बचाया जा सके। इस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लाम्बा और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष युद्धवीर अहलावत ने बताया कि किसान मजदूर शोषण मुक्ति मोर्चा ने जय किसान आंदोलन से जुड़ने का फैसला किया है। भिवानी (हप्र) : योगेन्द्र यादव ने अनाज मंडी बाजरे की खरीद का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 11 महीने टीकरी बॉर्डर बंद रखा है तो किसानों को भी फैसला लेने में 11 दिन तो लगेंगे। योगेंद्र यादव ने कटाक्ष किया कि जजपा को किसान या कुर्सी में से एक को चुनना था। जजपा ने कुर्सी को चुना तो अब किसान तो उनका इलाज करेंगे ही। जजपा पर किसान आंदोलन को जाति व क्षेत्र के आधार पर बांटने के आरोप लगाये।