Rohtak News : सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ जी की पुण्य स्मृति में मेला 6 मार्च से, भव्य कुश्ती दंगल होगा आकर्षण का केंद्र
हरीश भारद्वाज/हमारे पतिनिधि
रोहतक, 4 मार्च
धर्म और आस्था की नगरी हक निधात श्री बाबा मस्तनाथ मठ में 3 दिवसीय वार्षिक मेले का शुभारंभ हो रहा है। यह मेला फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष माघी, अष्टमी और नवमी 6 मार्च से 8 मार्च तक चलेगा। श्री बावा मस्तनाथ मठ के गद्दीनशीन महंत बालकनाथ योगी ने मेले के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि यह मेला नाथ संप्रदाय की परंपराओं और धार्मिक मूल्यों की आगे बढ़ाने वाला भव्य आयोजन है। इस वर्ष मेले में देशभर के सत्ती और श्रद्धालुओं का विशाल समागम देखने को मिलेगा।
महंत बालक नाथ योगी ने बताया कि सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें समाधि स्थल और घूने पर पूजा-अर्चना के लिए लगनी शुरू हो जाएंगी। मेले के दौरान विशेष पूजा-अर्चना, सत्संग, प्रवचन और भजन संध्या का भी आयोजन किया गया है। नाथ संप्रदाय के इस प्रमुख धार्मिक स्थल पर इस मेले के दौरान देशभर के प्रसिद्ध संतों, गहतों और विद्वानों का आगमन हो रहा है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मठ और स्थानीय प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की है। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों से निगरानी मेडिकल कैंप, पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं, यातायात नियंत्रण, भोजन एवं पेयजल और विशेष पार्किंग की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें।
गुड़ की भेली एवं कंबल चढ़ाकर मांगते हैं मन्नत
8वीं सदी से चली आ रही परंपरा के अनुसार यह मेला सिद्ध शिरोमणि बाबा नाथ जी की पुण्य स्मृति से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस बहुआयामी आध्यात्मिक मेले में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। नाथ संप्रदाय के इस प्रमुख स्थल पर भक्तजन अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना के लिए बाबा मस्तनाथ जी की समाधि पर माथा टेकते हैं। साथ ही गुड़ की भेली एवं काला कंबल चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते हैं। इस अवसर पर भव्य ईनामी कुश्ती दंगल का आयोजन भी किया जाता है।
यहां पर स्थापित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के माध्यम से हजारों छात्र शिक्षा प्राप्त कर भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के साथ-साथ दो स्कूल भी संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की सुविधाएं उपलब्ध है। वर्तमान में 10,000 से अधिक विद्यार्थी इन शिक्षण संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं। श्रद्धालु न केवल दर्शन करेंगे, बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी प्राप्त करेंगे।
मेले के दौरान कुश्ती दंगल का आयोजन भी किया जाता है। इस वर्ष प्रथम इनाम 1,51,000 रुपये, द्वितीय 1,00,000 रुपये तृतीय 51,000 रुपये और चतुर्थ 31,000 रुपये रखा गया है। इसके अलावा प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में भी लाखों रुपये के इनाम वितरित किए जाएंगे। 8 मार्च (नवमी) को मेले का समापन होगा। श्रद्धालु इस दौरान विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण करेंगे।