कनीना (निस) : तपती गर्मी में चरखी दादरी डिपो के महाप्रबंधक देवदत्त उड़नदस्ते के साथ स्वयं फील्ड में निकल पड़े। उनकी ओर से कनीना-दादरी मार्ग पर चलने वाली रोडवेज बसों की चेकिंग की गई। बिना टिकट मिले यात्रियों से जुर्माना वसूला गया। दादरी से कनीना जा रही राज्य परिवहन की बस को दातौली मोड़ के पास रूकवा कर चेकिंग की। उड़नदस्ते ने बस में सवार यात्रियों की टिकटों की जांच की तथा कमी दिखाई देने पर परिचालक से जवाब तलब किया। बस में बिना टिकट मिले यात्रियों से जुर्माना वसूला गया। रोडवेज महाप्रबंधक देवदत्त ने कहा कि कोविड के कारण जिन रूटों पर बसों का परिचालन कम या बंद था उन रूटों पर पूरी तरह से बसें चला दी गई हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।