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नदियां उफान पर, कल तक बना रहेगा खतरा

बारिश के बीच मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ की आपात बैठक, कई जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बुलाया
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यमुनानगर स्थित हथिनी कुंड बैराज में सोमवार को यमुना नदी कुछ इस रौद्र रूप में नजर आई। -शिव कुमार शर्मा
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चंडीगढ़, 10 जुलाई (ट्रिन्यू)

लगातार हो रही बारिश अब आफत बन गई है। यमुना, घग्गर, मारकंडा व टांगरी नदी के ओवरफ्लो होने से कई गांवों में पानी घुस गया है। बुधवार तक खतरा बना रहने की आशंका है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम की मदद ली जा चुकी है। अम्बाला में लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन को आर्मी का सहयोग लेना पड़ा। इस बीच, सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आला अधिकारियों व सभी जिलों के डीसी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आपात बैठक की।

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अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में स्थिति सबसे खराब है। घग्गर नदी के उफान पर होने से यहां धारा-144 लगाई हुई है। किसी को घग्गर के आसपास नहीं जाने दिया जा रहा। कौशल्या डैम भी खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद 20 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। यह पहला मौका है जब कौशल्या डैम में इतना पानी आया है।

शिमला हाईवे पर अमरावती के साथ बड़ा कटाव बन गया है। पंचकूला में मनसा देवी रोड, रोड़ धर्मशाला के सामने बीचों-बीच से कट गया। बद्दी-पिंजौर को जोड़ने वाला पुल बारिश से टूट गया। ऐसे में बद्दी से कनेक्टिविटी कट गई है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से पंचकूला की कई बस्तियों के अलावा सरकारी मकानों में भी पानी घुस गया। समय पर ड्रेनेज सिस्टम और सीवरेज सिस्टम की सफाई नहीं होने की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को नदियों के पास न जाने दें। यमुना, घग्घर व अन्य छोटी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में भी लगातार बारिश होने के चलते नदियों में पानी लगातार बढ़ रहा है। निचले इलाकों को खाली करवाना सुनिश्चित करें। नरवाना ब्रांच और एसवाईएल में भी पानी अपनी पूरी क्षमता तक बह रहा है। इसलिए जिला उपायुक्त नजर बनाये रखें। बोरियों में मिट्टी भरवाकर तैयार रखें, ताकि यदि कहीं कोई नदी या ड्रेन में कोई कटाव होता है तो उसे तुरंत कंट्रोल किया जा सके। राज्य में औसत से अधिक बारिश हो रही है, इसलिए डीसी पायुक्त अपने-अपने जिलों में हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखें। बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी़ अनुपमा, पब्लिक हेल्थ के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, सीएम के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, डीजीपी पीके अग्रवाल, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

चंडीगढ़ में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीसी व अधिकारियों के साथ बैठक करते सीएम मनोहर लाल।

अम्बाला में 493 एमएम बरसे बदरा

अम्बाला के डीसी ने बैठक में बताया कि पिछले 3 दिनों में 493 एमएम बारिश हुई है, जिससे नदियों में पानी ज्यादा आ गया है। घग्घर नदी का जलस्तर 16,500 क्यूसिक रहता है, जबकि इस समय 21 हजार क्यूसिक चल रहा है। टांगरी नदी का जलस्तर भी स्वाभाविक 13 हजार क्यूसिक की बजाय इस समय 21 हजार क्यूसिक पर है। मारकंडा नदी का जलस्तर सेफ जोन 50 हजार क्यूसिक है और अभी 50 हजार क्यूसिक ही पानी है। यदि बारिश की यही संभावना रही तो शायद पानी अम्बाला ड्रेन में बैक-फ्लो होगा, जिससे शहर में पानी भरने की आशंका है। निचले इलाकों से लोगों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया है और भोजन की व्यवस्था की है। आर्मी की टुकड़ी नरवाना ब्रांच पर तैनात भी की है। अम्बाला सिटी व कैंट के कई इलाकों में बिजली ठप है। बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास ने बताया कि बिजली की आपूर्ति किसी अन्य स्रोतों से करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

घग्गर के साथ लगते इलाके हुए खाली

पंचकूला डीसी ने सीएम को बताया कि पंचकूला जिले में औसत से अधिक बारिश हुई है। घग्घर नदी के साथ लगते इलाकों को खाली करवाया जा चुका है। घग्घर नदी का पानी खतरे के निशान पर पहुंच चुका है। कुरुक्षेत्र डीसी ने बताया कि मारकंडा नदी में वर्ष 1978 में 256.4 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस समय 255 मीटर पर चल रहा है। यमुनानगर में भी यमुना नदी के जल स्तर को देखते हुए इलाकों को खाली करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा चुकी है। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

दक्षिण हरियाणा के जिलों तक पहुंचाएं पानी

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दक्षिण हरियाणा के जिलों में पानी पहुंचाने वाली नेचुरल और कृत्रिम ड्रेन पूरी तरह से कार्यात्मक हों। दक्षिण हरियाणा के जिन-जिन इलाकों में लिफ्ट करके पानी पहुंचाया जाता है, वहां भी उत्तर हरियाणा से आने वाले पानी को इन इलाकों में पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों के तल में कुछ अवैध निजी बिल्डिंग बनी हुई हैं, उन्हें हटाया जाए।

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