तोशाम क्षेत्र में बाढ़ राहत और विकास कार्यों की समीक्षा
बैठक में बताया गया कि तोशाम क्षेत्र की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि यहां बाढ़ के पानी की प्राकृतिक निकासी संभव नहीं है। इस कारण जल निकासी विशेष रूप से भिवानी-धनाना ड्रेन के माध्यम से की जाती है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्ष 2024 में तोशाम ब्लॉक का कोई भी गांव बाढ़ से प्रभावित नहीं हुआ था, लेकिन वर्ष 2025 में स्थिति बदली। 2025 में 9 सितंबर तक तोशाम क्षेत्र के 10 गांवों में लगभग 3,525 एकड़ भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई।
कई स्थानों पर 2 से 2.5 फीट तक जलभराव रहा। सिंचाई विभाग के निरंतर प्रयासों से बाढ़ का पानी काफी हद तक निकाल दिया गया है। 12 दिसंबर 2025 तक केवल तीन गांवों में 65 एकड़ भूमि प्रभावित रह गई थी। अधिकारियों ने बताया कि गांव रिवासा में 5 एकड़, डांग कलां में 20 एकड़ और सांगवान में 40 एकड़ भूमि अभी प्रभावित है। शेष बाढ़ का पानी भी आज यानी 13 दिसंबर 2025 तक पूरी तरह निकाल दिए जाने की उम्मीद है।
करोड़ों रुपये खर्च, कई कार्य पूरे
बैठक में यह भी बताया गया कि अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच बाढ़ से संबंधित कार्यों पर बड़े पैमाने पर खर्च किया गया। विभिन्न गांवों में 19.05 करोड़ की राशि खर्च की गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में 36.85 करोड़ से अधिक की लागत से बाढ़ सुरक्षा और सुधार कार्य कराए गए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जानकारी दी कि 155.90 करोड़ की लागत के 61 कार्यों में से 42 विकास कार्य पूरे हो चुके हैं। शेष कार्य 31 मार्च 2026 तक पूरे किए जाएंगे, जबकि 6 नए कार्य अगले वर्ष शुरू होंगे। वहीं लोक निर्माण विभाग ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है।
