ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 जनवरी
हरियाणा के स्कूलों में रिटायरमेंट के बाद भी मानदेय पर लगे शिक्षकों की नौकरी अभी बनी रहेगी। सरकार ने उन्हें हटाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। यह फैसला भी इसीलिए बदला क्योंकि सरकार ने पहली फरवरी से दसवीं से बाहरवीं तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। ऐसे में मानदेय पर कार्यरत शिक्षक पहले की तरह स्कूलों में ड्यूटी दे सकेंगे।
दरअसल, खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान सेवानिवृत्त शिक्षकों की ड्यूटी लेने का फैसला लिया था। इसके पीछे दो बड़े कारण थे। शिक्षकों के खाली पदों की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुकावट न आए, इसलिए सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षकों की सेवाएं जारी रखने का निर्णय लिया। दूसरा कारण यह था कि शैक्षणिक सत्र के बीच में रिटायरमेंट होने से पूरा सिस्टम गड़बड़ाता था।
कोरोना महामारी की वजह से पहली जनवरी से स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में विभाग को इन शिक्षकों को हर माह मानदेय देना पड़ता था। इसे देखते हुए ही इन शिक्षकों को हटाने के लिए 25 जनवरी को आदेश जारी हुए थे। इसी दौरान सरकार ने स्कूलों को पहली फरवरी से खोलने का निर्णय लिया। इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने अपने फैसले को वापस लेते हुए सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिर से ड्यूटी पर रखने का फैसला लिया है।
शिक्षकों की कमी के चलते फैसला
स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक जी़ गणेशन का कहना है कि सरकार द्वारा तय मानदेय के तहत जो शिक्षक ड्यूटी पर आना चाहेंगे, वे आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि जहां शिक्षकों की कमी है, वहां रिटायर हो चुके शिक्षकों को रखने का सरकार ने निर्णय लिया हुआ है। इसी पॉलिसी के तहत इन शिक्षकों की सेवाएं जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए पहले चरण में 10वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलेंगे।