‘सराहनीय काम करने वालों को सम्मान, लापरवाहों पर गाज़’
उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को सिर्फ ‘दोषी’ नहीं, बल्कि ‘पीड़ित’ मानकर समाज की मुख्यधारा में वापस लाने की दिशा में भी ठोस काम होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिन गांवों को नशा मुक्त घोषित किया गया है, उनका नियमित पुनर्मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने कहा कि बॉर्डर से लगे जिलों में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ताकत और संसाधन दोनों बढ़ाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमाओं से नशे की एक भी खेप अंदर नहीं आनी चाहिए। इसके लिए तकनीक, इंटेलिजेंस और स्थानीय निगरानी - तीनों स्तरों पर सख्त सिस्टम तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल करने के निर्देश दिए ताकि नशे की आपूर्ति पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम सिर्फ पुलिस की नहीं बल्कि समाज की लड़ाई है। इसे जंग को हर पंचायत और हर मोहल्ले तक पहुंचाना है।
युवाओं की स्क्रीनिंग और पुनर्वास पर जोर
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अन्य विभागों के साथ मिलकर एक व्यापक अभियान चलाए। उन्होंने आदेश दिए कि नशे की गिरफ्त में आए युवाओं की गंभीरता से स्क्रीनिंग की जाए। यह समझा जाए कि वे नशे तक कैसे पहुंचे, और इसका स्रोत कहां है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पुनर्वास है। हमें उन युवाओं को फिर से समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है जो किसी कारण इस जाल में फंस गए। उन्होंने कहा कि सेवा विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर डी-एडिक्शन सेंटरों की क्षमता बढ़ाएं और ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चलाएं। पंचायतों को भी सक्रिय भूमिका निभानी होगी, जो पंचायत नशा उन्मूलन में अच्छा काम करे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
नशे पर जीरो टॉलरेंस, काम में ढिलाई पर सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस थाना स्तर पर नशे के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का परिणाम स्पष्ट दिखना चाहिए। जहां उत्कृष्ट कार्य हुआ है, वहां पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा, लेकिन जहां लापरवाही दिखी, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नशे के खिलाफ अभियान दिखावे का नहीं, नतीजों का होना चाहिए। अगर कहीं से नशा फैल रहा है तो वहां कठोर कदम उठाने में कोई हिचक नहीं होगी।
विकास कार्यों की समीक्षा भी की
बैठक में मुख्यमंत्री ने विकास की गति पर भी ध्यान दिया। उन्होंने स्टेट प्रगति पोर्टल पर 75 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली सात बड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी विभागीय अड़चन को तुरंत दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले दौर की समीक्षा बैठक में ऐसे विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल हों, जिनकी वजह से प्रोजेक्ट लटक रहे हैं। सीएम ने कहा कि लोगों को विकास का लाभ समय पर मिलना चाहिए। देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इन परियोजनाओं पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने हिसार जिले में मिर्जापुर रोड से राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने वाली चार लेन सड़क, बुढलाडा-रतिया-फतेहाबाद-भट्टू-भादरा सड़क निर्माण, घोगरीपुर से हरियाणा-दिल्ली सीमा तक रिलीफ रोड का निर्माण, नोएडा से फरीदाबाद होते हुए गुरुग्राम तक मास्टर रोड का काम, पश्चिमी फरीदाबाद से पूर्वी फरीदाबाद तक लिंक सड़कों का निर्माण, गुरुग्राम में ‘टॉवर ऑफ जस्टिस’ यानी नया न्यायिक परिसर तथा फतेहाबाद सेक्टर-9 में 200 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं की समय सीमा का कड़ाई से पालन हो ताकि प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज बनी रहे।
