पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव अनैतिक, संघीय ढांचे के खिलाफ : नायब
चंडीगढ़, 5 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पानी के मुद्दे पर पंजाब ओछी राजनीति कर रहा है। इससे पहले भी एसवाईएल मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दर किनार किया गया था। पानी प्राकृतिक स्त्रोत है और यह देश की धरोहर है। आज भी हरियाणा के हिस्से का पीने का पानी न देने पर मान सरकार ने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है, जो अनैतिक है और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है।
सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद मीडिया ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव सिख समाज के दसों गुरुओं द्वारा दिखाए मार्ग के खिलाफ है। मान सरकार को गुरुओं के वचन को निभाना चाहिए और बिना शर्त पानी छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व आप पार्टी ईडी गठबंधन का हिस्सा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बाबा साहब के पवित्र संविधान का सम्मान करें। संविधान की पुस्तक गांव-गांव लेकर घूमते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव की हरियाणा मंत्रिमंडल ने घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि 1966 से पहले पंजाब व हरियाणा एक ही था। मान साहब इस प्रकार की छोटी राजनीति छोड़कर विकास की राजनीति को अपनाएं और पंजाब के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि पंजाब में जो भी राजनीतिक दल रहे हैं, पंजाब के लोगों ने एक-एक को जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री सैनी ने मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस प्रकार पंजाब के लोगों ने कांग्रेस को लाइन में खड़ा कर दिया, उसी प्रकार आप को भी खड़ा कर देंगे। आज पंजाब विधानसभा में बीबीएमबी को भंग करने के संबंध में पारित किए गए प्रस्ताव पर पूछे एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी लोकसभा से पारित एक स्वायत्त निकाय है और केंद्र सरकार के अधीन है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार न तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानती, न संविधान को और भारतीय संघीय ढांचे की अवहेलना कर रही है। एक सिस्टम है उस पर देश चलता है। उन्होंने पंजाब के नेताओं से आग्रह किया है कि गुरुओं ने जो रास्ता दिखाया उस पर मान सरकार को चलना चाहिए।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, सहकारिता मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा, सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग तथा मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे भी उपस्थित रहे।