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प्रदेशाध्यक्ष से मांगा इस्तीफा, हुड्डा को भी लिया निशाने पर

प्रदेश कांग्रेस में घमासान तेज, बीरेंद्र सिंह खुलकर आए सामने
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चंडीगढ़, 17 दिसंबर (ट्रिन्यू)

हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने खुलकर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए प्रदेशाध्यक्ष उदयभान से इस्तीफा मांग लिया है। साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में एक ही नेता के नाम पर सब कुछ चल रहा है, जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है।

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मंगलवार को दिल्ली में एक चैनल से बातचीत में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उदयभान को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में लंबे समय तक पार्टी का संगठन न होने के कारण कांग्रेस को भारी नुकसान झेलना पड़ा। बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा खेमे पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार की बजाय ‘एक व्यक्ति की सरकार’ की छवि बन गई थी, जो पार्टी की हार का बड़ा कारण बना। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट वितरण से नाराज नेताओं ने भाजपा के उम्मीदवारों को आर्थिक मदद की, जिससे कांग्रेस को नुकसान हुआ। बीरेंद्र सिंह ने ईवीएम, तंत्र और पैसे के दुरुपयोग को भी हार का कारण बताया। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं ताकि पार्टी को फिर से जन-जन की पार्टी बनाया जा सके।

गुटबाजी के बीच प्रदर्शन से दूरी : इस बीच बुधवार को कांग्रेस की ओर से हरियाणा राजभवन तक अडानी मुद्दे पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है, जिसमें भूपेंद्र हुड्डा और उदयभान के शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन माना जा रहा है कि बीरेंद्र सिंह, कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित एंटी-हुड्डा गुट के नेता इस प्रदर्शन से दूरी बना सकते हैं।

समय-समय पर सीएम बनने का पड़ता है दौरा : उदयभान

बीरेंद्र सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘बीरेंद्र सिंह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें पार्टी मंच पर अपनी बात रखनी चाहिए। लेकिन उन्हें समय-समय पर मुख्यमंत्री बनने का दौरा पड़ जाता है। इसके लिए वे भाजपा में भी गए थे, पर वहां भी उनकी दाल नहीं गली। अब वे कांग्रेस में लौटकर फिर वही कोशिश कर रहे हैं। उदयभान ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा बीरेंद्र सिंह भी मानते हैं। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह भी उचाना से चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग या अदालत में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए थी।

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