नारनौल, 13 जुलाई (हप्र)
हूडा वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रामनिवास यादव ने कहा कि स्थानीय हूडा सेक्टर के निवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकने की मजबूर हैं, किन्तु उनकी समस्याओं पर गौर करने वाला कोई नहीं है। सेक्टर को अस्तित्व में आये हुए करीब 10 से 12 साल हो चुके हैं। इसके बावजूद सीवर, पानी, सड़क, आवारा सांड़ों, सेक्टर की चारदीवारी का अभी तक कार्य अधर में लटका हुआ है। वे एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ प्रो. राजपाल यादव, चौधरी राजकुमार एडवोकेट, अजीत जैन, जगराम आर्य, राम अवतार डाडैया, पंकज यादव, शिम्भू दयाल, श्योकरण व डा. रामौतार यादव उपस्थित थे।
प्रधान आर.एन. यादव ने बताया कि हूडा सेक्टर में सीवर ओवरफ्लो की समस्या गंभीर रूप धारण किए हुए है। जिला प्रशासन, हूडा प्रधान व पब्लिक हैल्थ विभाग को लिखित रूप से बार-बार शिकायत के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी आंखे बंद किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सेंंटर में वर्षा के पानी की निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं है, जिससे सेंटर के सभी रास्ते वर्षा के दिनों में नहर में परिवर्तन हो जाते है। वर्षा के पानी के लिए बने सभी चेंबर बंद पड़े है, जिनकी सफाई नगर परिषद द्वारा नहीं करवाई गई। जिसका खामियाजा सेक्टरवासियों को भुगतना पड़ता है। सेक्टर की सभी सड़कें जर्जर हालत में है व जगह-जगह एक से दो फीट के गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जब इनमें वर्षा का पानी जमा हो जाता है तो वाहन चालक गड्ढे में गिर जाते हैं।
उन्होंने बताया कि सेक्टर में बने पार्कों की चारदीवारी टूटी पड़ी है। सेक्टर में पीने का पानी के लिए बनाये गई होदिया ऊपर से खुली पड़ी है, जबकि बार-बार कहने के बावजूद हूडा प्रशासन उनकाे ढक नहीं रहा। उन्होंने बताया कि सेक्टर में बने वाटर टैंक में भारी अनियमितता देखने को मिली है। प्रशासन को शिकायत करने के बाद एसडीएम ने मौके का मुआयना किया था तथा उन्होंने स्वीकार किया कि ठेकेदार द्वारा उचित मानदंडों के मुताबिक कार्य नहीं किया। इसके बाद एसडीएम ने सैम्पल भरवाये गए, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। उन्होंने बताया कि सेक्टर में सफाई कर्मचारियों की संख्या मात्र तीन है। इतने बड़े सेक्टर में कम से कम 15 सफाई कर्मचारी होने चाहिए। जिसके चलते सेक्टर में सफाई-व्यवस्था चरमराई हुई है।
उन्होंने कहा कि अगर उपरोक्त समस्याओं के समाधान नहीं होता है तो 15 जुलाई को उपायुक्त को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवायेंगे। अगर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो सेक्टर के सभी लोग संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।