रोहतक, 7 दिसंबर (निस)
पीजीआईएमएस में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से मरीजोें की परेशानी बढ़ने लगी है। हड़ताल का सबसे अधिक असर ओपीडी पर देखने को मिला है। अब ओपीडी में कार्ड बनाने का समय भी दो घंटे कम कर दिया गया है। साथ ही पीजीआई प्रबंधन ने सभी तरह के इलेक्टिव आॅपरेशन रोक दिए हैं, सिर्फ आपातकालीन आॅपरेशन ही किए जाएंगे। हड़ताल पर गए डाक्टरों को मनाने के लिए लगातार पीजीआई प्रबंधन द्वारा बैठकों का दौर चल रहा है।
यह है हड़ताल का कारण
स्वास्थ्य संस्थानों के एडमिशन में इकनोमिक सेशन (ईडब्ल्यूयूएस) और ओबीसी कोटा निर्धारित किया जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसके चलते पीजी के पहले बैच की काउंसलिंग नहीं हो पा रही है और देश के कई संस्थानों में इसी मामले को लेकर रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल शुरू कर रखी है।
ओपीडी, वार्डों में सेवाएं प्रभावित
मंगलवार को रेजिडेंट डाक्टरों ने हड़ताल जारी रखी और सिर्फ एमरजेंसी व ट्रामा सेंटर में सेवाएं दी। रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल से ओपीडी व वार्डों में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि पहले सुबह साढे आठ बजे से एक बजे तक ओपीडी में कार्ड बनाए जाते हैं, लेकिन अब हड़ताल के चलते साढे आठ बजे से 11 बजे तक ही कार्ड बनाए जाएंगे। साथ ही रेजिडेंट डाक्टरों ने एमरजेंसी व ट्रामा सेंटर में सेवाएं जारी रखने के लिए कहा है।
छुट्टी पर गए 150 डाक्टरों को बुलाया
स्थिति को देखते हुए पीजीआई प्रबंधन ने छुट्टी पर गए 150 डाक्टरों को कॉल किया है और कुछ डाक्टर वापस लौट भी आए हैं। पीजीआई में करीब 450 डाक्टर हड़ताल पर हैं। रेजिडेंट डाक्टरों का कहना है कि मरीजों को परेशान करना हमारी कोई नियत नहीं है, लेकिन सात महीने से भी ज्यादा समय हो गया, लेकिन पीजी के पहले बैच के दाखिले भी अभी तक नहीं हुए हैं, जिनके कारण रेजिडेंट डाक्टरों को उनका काम करना पड़ रहा है, जिससे रेजिडेंट डाक्टरों की पढ़ाई बाधित हो रही है।