कॉन्ट्रेक्ट की नौकरियों में भी आरक्षण लागू, विपक्ष बोला- ‘छल’
यहां बता दें कि कौशल रोजगार निगम के जरिये दी गई नौकरियाें में एससी-बीसी व अन्य कैटेगरी को आरक्षण नहीं देने का मुद्दा पहले भी विधानसभा में उठ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के समय भी यह मामला उठा था। मनोहर सरकार ने ही ठेकाप्रथा को खत्म करने के लिए कौशल रोजगार निगम का गठन किया था।
उस समय विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा था कि निगम में संबंधित कैटेगरी के लोगों को अधिक आरक्षण मिला हुआ है। वहीं मंगलवार को गौरव गौतम ने खुलासा किया कि निगम की नौकरियाें में आरक्षण लागू है। ठेकेदारों के जरिये विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में कार्यरत कर्मचारियों में से 1 लाख 6 हजार 563 को निगम में पोर्ट (समायोजित) किया जा चुका है। वहीं निगम बनने के बाद 22 हजार 867 नई भर्तियां सरकार ने की हैं। वहीं विपक्ष का कहना है कि नौकरी के नाम पर युवाओं के साथ छल हो रहा है।
आरक्षण का वर्गवार ब्यौरा
पिछड़ा वर्ग को कुल 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इसमें बीसी (ए) को 16 व बीसी (बी) को 11 प्रतिशत की सुविधा है। वहीं अनुसूचित जाति के लिए 20 प्रतिशत तथा दिव्यांगों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा है। इसी तरह से पूर्व सैनिकों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण है। इसमें भी पूर्व सैनिकों व उनके बच्चों को कैटेगरी के हिसाब से आरक्षण को विभाजित किया है। एससी को 2, बीसी को 5 और सामान्य श्रेणी के पूर्व सैनिकों को 7 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।
पारदर्शिता के साथ रोजगार
गौरव गौतम ने कहा कि सरकार युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एचकेआरएनएल के माध्यम से नियुक्तियों को पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से कर रही है। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार युवाओं को स्थायी नौकरी देने की बजाय सरकार अनुबंध और ठेके की व्यवस्था में उलझा रही है। कांग्रेस विधायक इंदूराज नरवाल का कहना है कि प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है।