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रामायण का प्रभाव एवं वर्तमान शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में रामायण-दर्शन की उपादेयता पर किया शोध

रोहतक, 23 जुलाई (हप्र) बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रो. (डॉ.) एचएल वर्मा की अध्यक्षता में आरडीसी की मीटिंग में फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन की रिसर्च स्कॉलर रीतू रानी को पीएचडी की डिग्री अवार्ड की गई।...
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रीतू रानी
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रोहतक, 23 जुलाई (हप्र)

बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रो. (डॉ.) एचएल वर्मा की अध्यक्षता में आरडीसी की मीटिंग में फैकल्टी ऑफ ह्यूमैनिटीज के डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन की रिसर्च स्कॉलर रीतू रानी को पीएचडी की डिग्री अवार्ड की गई। इन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक-दर्शन पर महर्षि वाल्मीकि - रामायण का प्रभाव एवं वर्तमान शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में रामायण-दर्शन की उपादेयता : एक परिशीलन विषय पर शोध कार्य किया है। उन्होंने अपने शोध कार्य के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया किया है कि वाल्मीकि रामायण भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की सांस्कृतिक परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। राम और रामायण पूरे विश्व को एक मजबूत सांस्कृतिक परंपरा में बांधते हैं।

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इस शोध कार्य के अंतर्गत महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण का स्वामी विवेकानंद के शैक्षिक दर्शन पर पड़े प्रभाव को दर्शाया गया है। रीतू रानी ने बताया कि उनका यह शोध कार्य परिजनों, गुरुजनों व शोध निर्देशक डॉ.एसके वर्मा के उचित मार्गदर्शन का ही परिणाम है।

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