बिजली उपभोक्ताओं को राहत, किसानों को बड़ा सहारा
किसानों को ट्रांसफार्मर खर्च से मिली राहत
अब तक यदि किसी किसान के निजी ट्रांसफार्मर में चोरी या खराबी के कारण मरम्मत अथवा प्रतिस्थापन की आवश्यकता होती थी, तो उसकी लागत का एक बड़ा हिस्सा किसान को स्वयं उठाना पड़ता था।
यह देखा गया कि इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने ऐसे मामलों में किसानों से लागत वसूलने का प्रावधान हटाने का निर्णय लिया है, जिससे अब किसानों को इस प्रकार के व्यय से राहत मिलेगी। यदि ट्रांसफार्मर चोरी हो जाए या किसी अन्य कारण से क्षतिग्रस्त हो, तो उसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन की पूरी जिम्मेदारी अब बिजली वितरण कंपनी की होगी।
किसानों को एक और विशेष राहत
संशोधन के अनुसार, अब यदि कृषि कनेक्शन को तकनीकी या भौगोलिक कारणों जैसे बोरवेल की विफलता, पानी की गुणवत्ता, या भूमि के अधिग्रहण के चलते मूल स्थान से 70 मीटर के भीतर और किसान की अपनी ही ज़मीन पर स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है, तो इस स्थानांतरण की लागत भी अब किसानों से नहीं ली जाएगी।
यह राशि बिजली वितरण कंपनी अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR Petition) के तहत समायोजित करेगी।
हरियाणा विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री नन्द लाल शर्मा ने इस संशोधन को स्वीकृति देते हुए कहा: "यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों को सशक्त करने और किसानों को वास्तविक राहत देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे बिजली व्यवस्था अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सक्षम बनेगी।"
शासन में पारदर्शिता और भरोसा
इस संशोधन के माध्यम से हरियाणा सरकार ने यह सिद्ध किया है कि वह उपभोक्ता सहभागिता, तकनीकी गुणवत्ता और किसान कल्याण के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह पहल निस्संदेह बिजली वितरण व्यवस्था में विश्वास, न्यायसंगतता और दक्षता को सुदृढ़ करेगी।