यूपीएससी से राहत, जबरन सेवानिवृत्त नहीं होंगी रानी नागर
चंडीगढ़, 10 जुलाई (ट्रिन्यू)संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर को बड़ी राहत दी है। हरियाणा सरकार की ओर से भेजी गई रानी नागर को जबरन रिटायर करने की सिफारिश को यूपीएससी ने फिलहाल रोक दिया है। रानी नागर लम्बे समय से ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रही हैं। उन्हें मुख्य सचिव की ओर से चार बार नोटिस भी दिए जा चुके हैं, लेकिन किसी भी नोटिस का जवाब नहीं आया।
चौथे नोटिस का भी जब जवाब नहीं आया तो सरकार ने रानी नागर को जबरन रिटायर करने की सिफारिश की। इससे पहले भी रानी नागर की रिटायरमेंट को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने सरकार के प्रस्ताव को यूपीएससी के पास भेजा। यूपीएससी ने जबरन रिटायरमेंट के फैसले पर असहमति जताते हुए दो साल तक ग्रेड कम करने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा। अब हरियाणा सरकार ने रानी नागर को उनके ईमेल पर और उनके पते पर पंजीकृत डाक से यूपीएससी का प्रस्ताव भेजा है।
यह प्रस्ताव 2 अप्रैल, 14 मई, 9 जून और 24 जून को भेजे हैं। मंत्रालय के जवाब के बाद अब हरियाणा सरकार केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस तथ्य से अवगत कराएगी। रानी नागर को आखिरी बार 11 मार्च, 2020 को अभिलेखागार विभाग में अतिरिक्त सचिव और निदेशक के पद पर लगाया था। इस पद पर उन्होंने 27 अक्तूबर, 2020 तक सेवाएं दी। रानी नागर को भेजे गए नये नोटिस में उन्हें विकल्प दिया गया है कि वे चाहें तो ईमेल से भी अपना जवाब दे सकती हैं।