चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिन्यू)
अवैध खनन और ओवरलोडिंग की शिकायतों के बीच सरकार ने खनन माफिया पर कड़ी नकेल डालने की योजना बनाई है। राज्य में खनन की नियमित निगरानी के लिए सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही, किसी भी खनन अनुबंध क्षेत्र में से खनन सामग्री ले जाने वाले सभी वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा। मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में शुक्रवार को चंडीगढ़ में भू एवं खनन विभाग की राज्य स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में अवैध खनन की अधिक समस्याएं हैं, उन संवदेनशील क्षेत्रों में चैक-पोस्ट बढ़ाई जाएं। सीसीटीवी कैमरे लगाने पर भी विचार करें ताकि हर पल की जानकारी मिलती रहे। विशेषकर पकड़े गए अवैध वाहनों को खड़ा करने के लिए निर्धारित स्थानों पर जरूर सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएं। जिला स्तर पर अधिकारियों की स्पेशल टीम बनाकर नियमित चैकिंग कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां किसी भी प्रकार का अवैध खनन न हो। खनन अधिकारी अवैध खनन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ ओवरलोडिंग वाहनों का चालान भी अवश्य करें। मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी जिलों में अवैध माइनिंग की सख्त निगरानी करें और अवैध वाहन पकड़ते समय उसमें ले जाए जा रहे रेत, पत्थर को भी मौके पर उतरवाना सुनिश्चित किया जाए। अवैध खनन में संलिप्त वाहनों के छोड़ने में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिला टास्क फोर्स की नियमित बैठक करें और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय में भेजें। राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। 2023-24 की प्रथम तिमाही में अवैध खनन को लेकर 120 एफआईआर दर्ज कर 343 वाहन पकड़े गए और उनसे 2 करोड़ 34 लाख 24 हजार 250 रुपए का जुर्माना वसूला है।