नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 4 अप्रैल
भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी मानेसर तहसील में हो रहे फर्जीवाड़े की जांच गुरुग्राम-नॉर्थ के एसडीएम को सौंपी गई है। वे फर्जी रजिस्ट्री के मामले में सहायक सब रजिस्ट्रार, क्रेता, विक्रेता व गवाहों के साथ-साथ तहसील के अन्य कर्मियों की भूमिका की भी जांच करेंगे। फर्जी रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करने वाले संयुक्त सब रजिस्ट्रार (नायब तहसीलदार) से भी इस संबंध में पूछताछ की जाएगी। दिल्ली के ग्रीनपार्क के रहने वाले सुभाष जैन की मानेसर तहसील के तहत आने वाले गांव भूड़का में 2 बीघा 16 बिस्वा 5 बिस्वानसी जमीन है। 25 फरवरी को इस जमीन की रजिस्ट्री मानेसर तहसील में हेलीमंडी के रहने वाले पार्थ सोनी के नाम पर दर्ज की गई। रजिस्ट्री के बाद जब खरीदार मौके पर कब्जा लेने पहुंचे तो जमीन की देखरेख करने वाले व्यक्ति ने सुभाष जैन के बेटे राजीव जैन से जमीन बेचने के बारे में जानकारी चाही लेकिन राजीव जैन ने जमीन बेचने से इनकार कर दिया। इसके बाद पूरा मामला राजस्व अधिकारियों व पुलिस के पास पहुंचा। जांच के दौरान पता चला कि जिस सुभाष जैन को विक्रेता बताकर जमीन की रजिस्ट्री की गई है, उसकी मौत चार साल पहले यानी जून 2017 में हो चुकी है। फर्जीवाड़ा करने वालों ने रजिस्ट्री के समय किसी और व्यक्ति को सुभाष जैन के तौर पर खड़ा कर उसकी फोटो करवा दी। हैरत की बात यह है कि इसके लिए सुभाष जैन के नाम से न सिर्फ फर्जी कागजात तैयार करवाए गए बल्कि पहचान सुनिश्चित करने के लिए फर्जी पहचान पत्र तैयार करवा लिए। जमीन की बाजार कीमत करीब 80 लाख रुपये है, लेकिन इसकी रजिस्ट्री 40 लाख रुपये का भुगतान बताकर करवाई गई। हैरत की बात यह है रजिस्ट्री के बदले जो चैक दिए गए वो कैश ही नहीं करवाए गए। बात बढ़ती देख संयुक्त सब रजिस्ट्रार ने कथित खरीदार हेलीमंडी निवासी पार्थ सोनी, गांव भूड़का के ही रहने वाले व गवाह के तौर पर पेश हुए नंबरदार राज सिंह व भूड़का निवासी नरेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिख दिया।
डीसी ने एसडीएम नॉर्थ को सौंपी जांच
पूरे मामले की शिकायत डीसी यश गर्ग के पास पहुंची तो उन्होंने इस फर्जीवाड़े की जांच एसडीएम-नाॅर्थ जितेंद्र कुमार को सौंप दी। अब पुलिस के साथ एसडीएम भी इस संबंध में जांच कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक तहसील कार्यालय के कर्मचारियों ने फर्जीवाड़े में बराबर का हिस्सा लिया है। बताते हैं कि लंबे समय से जमीन के मालिकान यहां इसकी देखरेख के लिए नहीं आए थे। इसलिए आरोपियों ने फर्जीवाड़े की पाठकथा लिख डाली।
” ‘मृत व्यक्ति के स्थान पर किसी और को खड़ा करके रजिस्ट्री के मामले की जांच करने के लिए डीसी की ओर से निर्देश दिए गए हैं। रजिस्ट्री से संबंधित सभी पक्षों को बुलाकर जांच की जाएगी। राजस्व विभाग से इस संबंध में रिकार्ड तलब किया गया है।”
-जितेंद्र कुमार, एसडीएम-नॉर्थ